ताज़ा खबरें
महाकुंभ भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जनहित याचिका हुई दायर
महाकुंभ भगदड़: बंगाल के परिवारों का शव बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के सौंपे
हमास ने 8 बंधक छोड़े, इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को नहीं किया रिहा
राहुल ने नाव में बैठकर पूछा-केजरीवाल जी, यमुना में डुबकी कब लगाएंगे
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर मणिपुर सरकार से अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। ये रिपोर्ट दस जुलाई तक मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। कितने रिलीफ कैंप बनाए हैं, कितने हथियार बरामद किए गए हैं? अब इस मामले पर दस जुलाई को सुनवाई होगी। मणिपुर में हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका में आदिवासियों की सुरक्षा सेना से कराने की मांग की है।

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश कॉलिन गोंजाल्विस ने अदालत को बताया था कि 70 आदिवासियों की हत्या हो चुकी है। सरकार किसी भी तरह से हिंसा को रोकने में नाकाम रही है, जबकि सरकार की ओर से अदालत को आश्वासन दिया गया था कि वो सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से मणिपुर के हालात पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। याचिकाकर्ता की ओर से कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि हिंसा में कोई कमी नहीं हो रही। 110 लोग मारे जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मैंने एक आवेदन दाखिल किया है जिसमें ताजा हालात स्पष्ट है। मणिपुर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब प्रभावित जिलों में कर्फ्यू भी कुछ घंटे के लिए ही रहता है। ये सुधार है और स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। सीआरपीएफ और सेना की 114 कंपनियां भी तैनात हैं, राहत शिविर भी हैं। अनुरोध है कि कोई सांप्रदायिक एंगल न दिया जाए। सुधार हुआ है और कर्फ्यू केवल 5 घंटे के लिए है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख