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इंफाल: मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला ने आज (बुधवार) पहली बार मालोम नरसंहार कांड की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इसी कांड के चलते उन्होंने 16 साल पहले सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) को राज्य से हटाने की मांग करते हुए भूख हड़ताल शुरू की थी जो उन्होंने हाल ही में समाप्त की। आज नरसंहार की 16वीं बरसी है जिसमें इंफाल वेस्ट जिले के मालोम में सुरक्षा बलों ने 10 नागरिकों को मार दिया था। स्मारक पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीपुल्स रिसजेर्ंस एंड जस्टिस अलायंस (पीआरजेए) की सह-संयोजक ने कहा कि पहली बार उन्होंने कार्यक्रम में भाग लिया है चूंकि 15 साल से ज्यादा समय तक वह हिरासत में रहीं। नरसंहार में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए शर्मिला ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनाये जाते हैं और राजनीति में उनका प्रवेश एक लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत बदलाव लाने का पहला कदम है।

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