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चंडीगढ़: पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद के पहले विस्तार में शपथ लेने वाले चार कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे। सोमवार को बीरेंद्र सिंह भाजपा से इस्तीफा दे दिया। सिंह अब कांग्रेस में घर वापसी करेंगे, जिस पार्टी में वह पहले चार दशक से अधिक समय तक रह चुके हैं।

उन्होंने मीडिया से कहा, “मैंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख जे.पी.नड्डा को भेज दिया है। मेरी पत्नी प्रेम लता, जो 2014-2019 तक विधायक थीं, ने भी पार्टी छोड़ दी है। कल (मंगलवार को), हम कांग्रेस में शामिल होंगे।”

जाट समुदाय के प्रसिद्ध नेता सिंह हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अगस्त 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे। सिंह के कांग्रेस में शामिल होने को हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतदाताओं को लुभाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है। सिंह के बेटे बृजेंद्र ने 10 मार्च को भाजपा सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया और "मजबूर राजनीतिक कारणों" का हवाला देते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए।

चंडीगढ़: हरियाणा की सैनी सरकार ने बुधवार को विधानसभा में विश्वासमत का सामना किया। सदन के अंदर यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पास हो गया। खास बात ये है कि इस विश्वासमत को लेकर जेजेपी ने अपने सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी कर कहा था कि कोई भी विधायक सदन में पेश ना हो। लेकिन व्हिप जारी करने के बावजूद जेजेपी के पांच विधायक सदन पहुंच गए। हालांकि, विश्वासमत पेश होने से पहले ही ये सभी पांच विधायक सदन से बाहर हो गए। इस तरह जेजेपी के सभी 10 विधायक विश्वास मत के दौरान सदन में गैर-हाजिर रहे।

वहीं, विश्वास मत के दौरान निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी सदन से बाहर निकले। हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है। जबकि बीजेपी के पास कुल अपने विधायक 41 हैं। जबकि बहुमत का आंकड़ा 46 है। ऐसे में जेजेपी के सभी 10 विधायकों (पांच सदन में आए ही नहीं जबकि जो पांच आए वो सदन से आकर लौट गए) और एक निर्दलीय विधायक के बाहर आने के साथ ही अब विधानसभा में कुल संख्या 79 है। जिसके मुताबिक बहुमत का आंकड़ा 40 है। जबकि सदन में बीजेपी के पास अपने विधायक 41 हैं।

चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन तोड़ने के साथ ही सूबे के मौजूदा सीएम मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह को नया सीएम बनाया है। नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को सूबे के नए सीएम के तौर पर शपथ ले ली है। अब हरियाणा की सैनी सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत पेश किया।

हरियाणा की सैनी सरकार ने बुधवार को सदन में विश्वासमत पेश किया। इस दौरान जेजेपी के सभी 10 विधायक सदन से बाहर रहे। हालांकि, जेजेपी के पांच विधायक सदन पहुंचे थे, लेकिन थोड़ी देर बाद वह सदन से बाहर निकल गए।

सैनी ने 48 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। सैनी ने कल संवाददाताओं से कहा कि हमने राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह किया है। इसी दौरान हम अपना बहुमत भी साबित करेंगे।

भाजपा को छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल गया है, जिससे उसका आंकड़ा 47 हो गया है। जो 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े से एक अधिक है।

चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत में मंगलवार को बड़ा उलटफेर हुआ. मनोहर लाल खट्टर ने बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का गठबंधन टूटने के बाद मंगलवार सुबह 11.50 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नायब सिंह सैनी नेता चुने गए। शाम 5:20 बजे उन्होंने हरियाणा के नए सीएम के रूप में शपथ भी ले ली। जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला के 10 में से 6 विधायक भी बीजेपी के संपर्क में बताए जा रहे हैं। सियासी संकट के बीच दुष्यंत चौटाला ने हरियाणावासियों से कहा कि वो लोगों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा समर्पित रहेंगे।

दुष्यंत चौटाला ने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, "सभी हरियाणावासियों को मेरा नमस्कार। आपने मुझे हरियाणा के उपमुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया, इसको मैं अपना सौभाग्य मानता हूं। हरियाणा के प्रत्येक व्यक्ति का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं। हरियाणा के हित और जनता के कार्यों के लिए आपका समर्थन और सहयोग मेरे लिए हमेशा ऊर्जादायक रहा है।

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