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मुंबई: अभिनेत्री नरगिस फाखरी का कहना है कि उन्हें उनकी आगामी फिल्म ‘अजहर’ में सह अभिनेता इमरान हाशमी के साथ किसिंग सीन के रीटेक के लिए शूट करना बहुत अजीब लगा। नरगिस ने कहा, मुझे नहीं पता था कि इसमें इतने सारे किसिंग सीन होंगे। मुझे लगा कि मुझे इसके लिए अतिरिक्त भुगतान लेना चाहिए क्योंकि यह बेहुदा है कि मुझे इसके लिए रीटेक देने पड़े और बार-बार इसकी शूटिंग करनी पड़ी। मुझे लगा कि क्या यह कोई मजाक हो रहा है। ‘‘रॉकस्टार’’ की अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें किसिंग सीन या अंतरंग दृश्य करते समय अजीब महसूस होता है। उन्होंने कहा, हालांकि मैं शर्मीली नहीं दिखती लेकिन मैं शर्मीली हूं, इसलिए ऐसे दृश्य करते समय मुझे हमेशा अजीब लगता है। मैं तनाव को दूर भगाने के लिए हंसी मजाक करती हूं या चुटकुले सुनाती हूं। यदि आप ऐसे अभिनेता के साथ काम कर रहे हों जो आपको सहज महसूस कराए तो अच्छा लगता है। नरगिस ने इमरान की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह जमीन से जुड़े इंसान हैं। उन्होंने कहा, वह पेशेवर हैं और आपको सहज महसूस कराते है।

मुंबई: सुजैन खान ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है कि वह अपने पूर्व प्रति ऋतिक रोशन के पास वापस जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके बीच कभी सुलह नहीं होगीा। इन दोनो के दो बच्चे हैं। दंपति 2014 में अलग हो गया था। सुजैन ने ट्विटर पर लिखा, 'मेरा लोगों से अनुरोध है कि वे अटकलें लगाना बंद करें। ऋतिक के साथ कभी सुलह नहीं होगी। लेकिन हम हमेशा अच्छे माता पिता रहेंगे। यह हमारी पहली प्राथमिकता है।' गौरतलब है कि हाल ही में इन दोनों को बच्चों के साथ इकट्ठे देखा गया था, जिसके बाद सुजैन और ऋतिक के फिर से करीब आने की अटकलें लगाई जाने लगीं।

मुंबई: अभिनेत्री सनी लियोन का कहना है कि इस समय फिर से किसी व्यस्क हास्य फिल्म का हिस्सा बनने में उनकी कोई रचि नहीं है। उनकी पिछली फिल्म ‘मस्तीजादे’ एक व्यस्क हास्य फिल्म थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर खास प्रदर्शन नहीं किया था। 34 वर्षीय सनी ने कहा कि मैं फिलहाल किसी सेक्स कॉमेडी फिल्म में काम नहीं करना चाहती। हालांकि उन्होंने साथ ही कहा कि यदि मेरे पास कोई सही प्रोजेक्ट आता है तो मैं इस बार में सोचूंगी। यदि कल कोई मेरे पास आता है तो मैं शायद हां भी कह सकती हूं। यह इस पर निर्भर करता है कि मेरे सामने कैसी फिल्म का प्रस्ताव रखा जाता है।

नई दिल्ली: सत्यजित रे भारतीय सिनेमा के एकमात्र ऐसे पुरोधा हैं, जिनका दामन पद्मश्री से पद्म विभूषण तक और ऑस्कर अवार्ड से लेकर दादासाहेब फाल्के पुरस्कार व 32 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से भरा है। भारतीय सिनेमा की 20वीं शताब्दी पर गौर करें तो कोई भी बात सत्यजित दा का जिक्र किए बिना अधूरी रहेगी। वह जाने-माने फिल्म निर्माता ही नहीं, भारतीय सिनेमा की पहचान बन चुके हैं। उन्हें बेहतरीन फिल्मों के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपनी फिल्म भाषा गढ़ी। उनकी कृतियों को किसी भाषा के दायरे में बांधा नहीं जा सकता। अपनी बहुमुखी प्रतिभा की बदौलत सत्यजित भारतीय सिनेमा को विश्व फलक तक ले गए। सत्यजित रे ने फिल्मों के साथ-साथ अपने लेखन और चित्रकृतियों से भारतीय संस्कृति पर अमिट छाप छोड़ी। वह संगीतकार और चित्रकार होने के अलावा, बांग्ला के बेहद लोकप्रिय लेखक भी थे। उनका समूचा परिवार ही सदा कला और साहित्य से जुड़ा रहा। उनका जन्म 2 मई 1921 को कलकत्ता (कोलकाता) के बंगाली रॉय परिवार में हुआ था। अंग्रेज जिस तरह ठाकुर का उच्चारण ‘टैगोर’ करते थे, उसी तरह रॉय को ‘रे’ कहते थे। इसलिए वह सत्यजीत रे कहलाए। रे ने अपने करियर की शुरुआत एक कमर्शियल आर्टिस्ट के रूप में की थी। अपने माता-पिता की इकलौती संतान सत्यजित के पिता सुकुमार रॉय का निधन सन् 1923 में हो गया था। उस समय सत्यजित महज दो साल के बालक थे। उनका पालन-पोषण उनकी मां सुप्रभा रॉय ने अपने भाई के घर में रहकर किया।

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