लखनऊ: यूपी में कांग्रेस और सपा विधानसभा उपचुनाव मिलकर लड़ेंगी। सूत्रों के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच इस मुद्दे पर श्रीनगर में बुधवार को चर्चा भी हुई। कांग्रेस ने दो सीटें गाजियाबाद और खैर मांगी हैं। गाजियाबाद सीट सपा देने को तैयार है। जबकि, खैर पर एक-दो दिन के भीतर ही अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव शामिल हुए थे। इंडिया गठबंधन की समन्वय टीम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूपी के उपचुनाव पर भी बातचीत हुई। यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें से मिल्कीपुर को छोड़कर शेष 9 सीटों पर चुनाव कार्यक्रम जारी हो चुका है।
सपा 9 अक्तूबर को ही मिल्कीपुर के साथ करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां में प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। अब प्रत्याशी उतारने के लिए कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और खैर सीटें बची हैं। सपा ने कांग्रेस को साफ कर दिया है कि कुंदरकी और मीरापुर सीटें उसे नहीं दी जा सकतीं।
वहीं, सपा कांग्रेस को गाजियाबाद सीट देने के लिए तैयार है। साथ ही कांग्रेस को यह भी बता दिया गया है कि खैर में सपा के पास मजबूत प्रत्याशी मौजूद है।
हालांकि, सपा के एक जिम्मेदार नेता ने नाम न छापने के अनुरोध के साथ बताया कि कांग्रेस के न मानने पर खैर सीट भी उसे मिल सकती है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि यूपी में इंडिया गठबंधन को बनाए रखने की जिम्मेदारी समाजवादी निभाएंगे।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी मीडिया से कहा कि नामांकन से पहले हमारी सीटें फाइनल हो जाएंगी। नौ सीटों पर गठबंधन की तैयारी पूरी है। यहां बता दें कि यूपी की नौ सीटों के लिए नामांकन 18-25 अक्तूबर तक होंगे।
पहले क्यों वापस नहीं ली रिट-अवधेश प्रसाद
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर सीट पर भाजपा नेता के याचिका वापस लिए जाने पर कहा कि यह सीट तो जून में ही रिक्त हो गई थी। पहले रिट क्यों वापस नहीं ली गई। भाजपा वहां हार से डर रही थी, इसलिए रिट वापस नहीं ली। रिट वापस लेने का जो काम अब हुआ, वो पहले हो जाना चाहिए था।