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नई दिल्ली: अभिनेत्री कैटरीना कैफ के लिए प्रेम कहानियां एक खास जगह रखती हैं। उनका कहना है कि उनकी आने वाली फिल्म एक भावुक प्रेमकथा है। कैटरीना अपनी आने वाली फिल्म ‘फितूर ’में एक बेहद खूबसूरत लड़की फिरदौस का किरदार निभा रही हैं जिसके लाल बाल उसके आकर्षण का केंद्र हैं। फिल्म में आदित्य राय कपूर नूर के किरदार में हैं यह एक कश्मीर आधरित रोमांस ड्रामा है। फिल्म के जारी हुए गानों और ट्रेलरों को जनता की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। कैटरीना ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘फिल्म की यूएसपी उसके पहले प्यार की शानदार और प्रभावशाली थीम है। प्रेम कहानी हमेशा से ही मेरे लिए एक सफलता की कुंजी रही है।

नई दिल्ली: निर्देशक सुधा कोंगारा की फिल्म 'साला खड़ूस' शुक्रवार को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। मुक्केबाजी पर बनी फिल्म में दमदार मुक्कों की कमी है। फिल्म में रोमांच का वादा तो किया गया है, लेकिन इसमें ऐसे मुक्के कम ही हैं, जो कहीं कोई प्रहार करते हों या अपना निशान छोड़ते हों। इस फिल्म में आर. माधवन, रितिका सिंह, मुमताज़ सरकार, नसीर, जाकिर हुसैन ने भूमिका निभाई है। फिल्म को एक कमजोर कहानी के इर्द-गिर्द बुना गया है, जो बस बीच-बीच में कहीं कहीं दर्शकों को बांध पाती है। फिल्म में गंभीरता या नयेपन जैसी बात बहुत कम है और इस कमी को पूरा करने के लिए फिल्म में खतरनाक हद तक नाटकीयता को प्रयोग किया गया है लेकिन उसके लिए जिस भावनात्मक जुड़ाव की जरूरत होती है वह कहीं नजर नहीं आता।

नई दिल्ली: बॉलीवुड की ‘दबंग’ अदाकारा सोनाक्षी सिन्हा ने समुद्र में गोते लगाते हुए स्टारफिश के साथ एक सेल्फी को अपने प्रशंसकों के साथ साझा किया। इंस्टाग्राम पर ‘असलीसोना’ नाम के खाते की मालकिन सोनाक्षी ने ग्रेट बैरियर रीफ के पास गोते लगाते हुए अपनी चार तस्वीरें साझा की हैं जिनमें से दो में वह स्टारफिश के साथ सेल्फी लेते नजर आ रही हैं। सोनाक्षी ने लिखा है, ‘गहरे पानी में स्टारफिश के साथ सेल्फी।’ हाल ही में सोनाक्षी ने ‘इश्कोहॉलिक’ गाने का वीडियो भी जारी किया था।

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को हिंदी फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ को अच्छे मनोरंजन वाली लेकिन तथ्यों के हिसाब से अधूरी फिल्म बताया जो 1990 में कुवैत से बड़ी संख्या में भारतीयों को बचाने के घटनाक्रम पर आधारित है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि यह एक फिल्म है और फिल्मों में अकसर वास्तविक घटनाक्रमों, तथ्यों के मामले में आजादी ली जाती है। इस फिल्म विशेष में भी 1990 में कुवैत में वास्तव में जो हुआ, उसके घटनाक्रम को चित्रित करने में कलात्मक स्वतंत्रता ली गयी है। उन्होंने कहा कि जिन्हें 1990 का यह घटनाक्रम याद होगा, उन्हें विदेश मंत्रालय की अग्रसक्रिय भूमिका भी याद होगी। स्वरूप ने कहा कि सरकारी प्रतिनिधिमंडल को बगदाद और कुवैत भेजा गया था और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एयर इंडिया और कुछ अन्य सरकारी विभागों के साथ जबरदस्त समन्वय किया गया था।

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