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नई दिल्ली : टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी के कथित रूप से आत्महत्या करने की घटना के बीच फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा कि फिल्मों और टीवी की शीर्ष अभिनेत्रियां सार्वजनिक रूप से महिला सशक्तिकरण की बातें करती हैं लेकिन निजी जिंदगी में वे घरेलू सहायकों से भी बुरी स्थिति झेलती हैं। टीवी अभिनेत्री की मौत ने सफल महिलाओं के रिश्तों में कमजोर पड़ने के विषय पर पुरानी बहस को जिंदा कर दिया है। फिल्मकार का मानना है कि मायानगरी में पेशेवर सफलता का मतलब भावनात्मक आजादी नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह वास्तव में एक त्रासदी है। एक समय था जब मैं सोचता था कि आर्थिक आजादी महिलाओं को उनके असहिष्णु जोड़ीदारों की प्रताड़ना से मुक्त कर देगी।' भट्ट ने कहा, 'मैंने मनोरंजन जगत में देखा कि अनगिनत अभिनेत्रियां जिनके पास अकूत धनदौलत है, बहुत ही बेबाक होने और मुद्दों पर अच्छी राय रखने और महिला सशक्तिकरण पर अच्छी से अच्छी बातें कहने के बावजूद निजी जिंदगी में घरेलू सहायकों से भी बुरी स्थिति का सामना करती हैं।'

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