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नई दिल्ली: ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’ और ‘क्रांति’ जैसी देशभक्तिपूर्ण फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले मशहूर अभिनेता-निर्देशक मनोज कुमार को फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के अवार्ड प्रदान किया जाएगा। 78 वर्षीय अभिनेता अवार्ड पाने वाले 47वें व्यक्ति हैं। भारतीय सिनेमा के इस सर्वोच्च सम्मान के तहत एक स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपये नकद राशि और एक शॉल दिया जाता है। अभिनेता को ‘हरियाली और रास्ता’, ‘वो कौन थी’, ‘हिमालय की गोद में’, ‘दो बदन’, ‘उपकार’, ‘पत्थर के सनम’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘शहीद’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ तथा ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी उर्फ मनोज कुमार का जन्म एबटाबाद में हुआ था जो कि आजादी के पहले भारत का हिस्सा था।

‘कांच की गुड़िया’ के साथ 1960 में उन्होंने रोमांटिक नायक के तौर पर अपना सफर शुरू किया लेकिन जल्द ही अभिनय का उनका फोकस बदल गया और देशभक्ति आधारित कई फिल्मों के कारण प्रशंसक उन्हें ‘भारत कुमार’ कहने लगे। अभिनेता को ‘उपकार’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड मिला और 1992 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से नवाजा।

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