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अमरावती: आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को रायलसीमा के तीन जिलों एवं एक दक्षिणी तटीय जिले में 20 सेंटीमीटर तक भारी वर्षा होने से भयंकर तबाही हुई है और वर्षाजनित घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो गई और 100 लोग लापता है। तिरुपति से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उनमें दिख रहा है कि सैकड़ों तीर्थयात्री भीषण बाढ़ में फंसे हुए हैं। घाट रोड और तिरुमाला हिल्स के रास्ते बंद हैं। तिरुपति के बाहरी इलाके में स्थित स्वर्णमुखी नदी में बाढ़ आ गई है और जलाशयों में पानी भर गया है। कई लोगों के बाढ़ में फंसे होने की खबर है। राज्य परिवहन की तीन बसें भी फंस गई और 12 को बचाया नहीं जा सका।

कडप्पा जिले में अब भी 12 लोग लापता हैं तथा वायुसेना, एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के कर्मियों ने आकस्मिक बाढ़ में फंसे कई लोगों को बचाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से फोन पर बात की और स्थिति के बारे में जानकारी ली एवं राज्य को सभी सहायता पहुंचाने का वादा किया।

सीएम आफिस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।

उफनती नदियों एवं नहरों से कई जिलों में बाढ़ आ गई है, कुछ स्थानों पर सड़कें टूट गयी हैं और जनजीवन पटरी से उतर गया है। शुक्रवार को रेनिगुंटा में तिरुपति अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को उड़ान परिचालन के लिए खोला गया, परंतु तिरुमला पहाड़ियों को जाने वाली दो घाट सड़कें बंद रहीं। अलीपीरी से तिरुमला को जाने वाली सीढ़ीदार सड़क को भूस्खलन एवं बाढ़ से बड़ा नुकसान पहुंचा है और उसे बंद कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारियों से पहाड़ी पर फंसे तीर्थयात्रियों के लिए रहने एवं भोजन का प्रबंध करने को कहा है। कडप्पा जिले के राजमपेटा में चेय्येरू नहर में आकस्मिक बाढ़ आने से कम से कम पांच लोगों की जान चली गयी तथा 12 लोग अब भी लापता हैं। जिलाधिकारी विजय रामा राजू ने मीडिया को बताया कि जिले में कुल आठ लोगों की मौत हुई है।

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