नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के भाई और राज्य के वर्तमान सीएम व वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी के चाचा वाईएस विवेकानंद रेड्डी की निर्मम हत्या के दो साल से अधिक वक्त के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में मुख्य आरोपी को पकड़ा है। सीबीआई के अधिकारियों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान सुनील यादव नाम के शख्स को गोवा में पकड़ा है. सीबीआई सूत्रों ने एक चैनल को बताया कि उसे गिरफ्तार करने और अदालत में पेश करने की प्रक्रिया चल रही है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, जांच में ऐसे सबूत मिले हैं जो सुनील यादव के हत्या के मामले में मुख्य आरोपी होने का इशारा करते हैं। सुनील यादव के परिवार के साथ गोवा भाग जाने से पहले एजेंसी ने उससे इस मामले में कई बार पूछताछ की थी। इसके बाद सीबीआई ने सुनील यादव का पता लगाया और उसे पकड़ लिया। पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी 15 मार्च, 2019 को आंध्र प्रदेश के कडपा जिले में अपने घर में मृत पाए गए थे. उस समय वह घर पर अकेले थे। उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि उनकी मौत प्राकृतिक कारणों से नहीं हुई।
अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है।
आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने उस समय आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ दल टीडीपी की हत्या में भूमिका है और सीबीआई जांच की मांग की थी।
जगन मोहन रेड्डी ने 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था और उन्हें उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब उनकी चचेरी बहन और वाई एस विवेकानंद रेड्डी की बेटी पिछले साल उच्च न्यायालय गई।
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में सुनीता नारेड्डी ने कहा था कि उन्हें अपने चचेरे भाई और कडप्पा के सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी और उनके पिता वाईएस भास्कर रेड्डी पर भी शक है। उन्होंने राज्य पुलिस के विशेष जांच दल द्वारा मामले की जांच पर भी सवाल उठाया था और सवाल किया था कि सत्ता में आने के बाद उनके चचेरे भाई (जगन मोहन रेड्डी) ने इस मामले को सीबीआई को क्यों नहीं सौंपा।
हाईकोर्ट ने तब मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई के जांच हाथ में लेने से पहले तीन एसआईटी ने मामले की जांच की थी।