अमरावती: गोदावरी नदी के उफान के कारण आंध्र प्रदेश के कई जिलों मे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गोदावरी के संपर्क में रहें और निचले इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित जगह ले जाएं। खतरे को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीमें मौके पर लगा दी गई हैं। अब तक तकरीबन 3340 लोगों को अलग अलग राहत शिविरों में भेजा जा चुका है।
सीएम ऑफिस के मुताबिक मुख्यमंत्री लगातार स्थिति का पता लगा रहे हैं और समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं वो भी हाई अलर्ट पर रहें। बाढ़ से किसी की जान न जाए। पश्चिम गोदावरी जिले के जिलाधिकारी रेवु मुतयलराजू ने बताया कि गोदावरी पानी जलस्तर रविवार की शाम तक 53 फुट तक पहुंच गया जिसके बाद तीसरी चेतावनी जारी की गई है। जिला प्रशासन ने लगभग 1800 लोगों को राहत शिविरों में भेजा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि पश्चिम गोदावरी जिले में नौ राहत शिविर खोले हैं, जहां लगभग 1544 लोग हैं साथ ही और लोगों को लाने का काम जारी है। उन्होंने बताया कि पश्चिम गोदावरी में 64 गांव जलमग्न हैं, जिसकी वजह से 27000 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।
मुतयलराजू ने बताया कि सीएम के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, लोगों को आवश्यक सामग्री के अलावा भोजन और पानी की उचित व्यवस्था की जा रही है। अभी किसी के मकान क्षतिग्रस्त होने की कोई सूचना नहीं है।
पूर्वी गोदावरी के डीएम मुरलीधर रेड्डी का कहना है कि पूर्वी गोदावरी के मे लगभग 282 हेक्टेयर में लगी फसल को खासा नुकसान हुआ है। देवीपट्टम सबसे ज्यादा प्रभावित जगह है। क्योंकि वहां 36 गांव डूब गए हैं।
उन्होंने कहा किसी को जानमाल का नुकसान कम हो उसके लिए राहत और बचाव टीमें लगा दी गई हैं। 32 विशेष टीमें लगातार चिन्हित जगहों को देख रही है। लोगों के खाना और पानी की भी व्यवस्था की गई है।
मुरलीधर रेड्डी ने आगे बताया कि जिन लोगों को बाढ़ के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्या हुई हैं उनके लिए चिकित्सा शिविर लगाए हैं, जहां वो अपना उपचार करा सकते हैं।