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विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में शनिवार को एक कोविड केयर सेंटर में आग लगने से 10 मरीजों की दर्दनाक  मौत हो गई थी। अब प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए रमेश अस्पताल के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में बिजली की मरम्मत की उचित जरूरतों की उपेक्षा की गई थी जिस वजह से यह घटना हुई। जानकारी के अनुसार एक निजी अस्पताल रमेश हॉस्पिटल ने बिस्तर की कमी होने की वजह स्वर्ण पैलेस नाम के इस होटल को लीज़ पर लिया हुआ था। अचानक से सुबह पांच बजे इस कोविड केयर सेंटर में आग लग गई। रिपोर्ट के अनुसार शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। 

इलेक्ट्रिक फेल होने की वजह से आग सबसे पहले होटल के रिसेप्शन पर लगी फिर यहां से धुआं ऊपर की ओर गया। यह इमारत ग्राउंड के अलावा पांच मंजिल तक है। अधिकारी के मुताबिक ज़्यादातर मौतें धुआं की वजह से दम घुटने के कारण हुई। फायर सिस्टम वहां लगा हुआ था लेकिन वो काम नहीं कर रहा था। उसे स्वचालित मोड में होना चाहिए था लेकिन वो साइलेंट मोड में था।

 

इमरजेंसी अलार्म और उपकरण सही समय पर काम नहीं किए। अगर ये स्वचालित मोड में होता तो तुरंत हल्के तापमान के बढ़ने के साथ ही काम करना शुरू कर देता। ऐसा लगता है कि किसी को यह पता भी नहीं था कि कैसे उसका इस्तेमाल करना है। सैनिटाइजर और लकड़ी के फर्श होने की वजह से आग और तेजी से भड़की।

आग से बचने के लिए खिड़कियों पर लटके लोग

वहीं, अचानक आग लगने की वजह से कई लोग डरकर ऊपर से ही कूद गए। कोविड सेंटर में आग लगने के बाद कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे लोग आग और धुएं से बचने के लिए खिड़कियों से बाहर लटक रहे हैं।

मुख्यमंत्री की तरफ से 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा

मुख्यमंत्री की तरफ से मृतकों के परिवारों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई  और  मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख प्रकट किया था।

 

 

 

 

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