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अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए किसी चेहरे की घोषणा के बिना भी एनडीए का विकल्प स्वाभाविक रूप से उभरेगा। भाजपा के सहयोगी रहे नायडू ने केंद्र द्वारा आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार किए जाने के बाद इस साल की शुरुआत में एनडीए छोड़ दिया था। उन्होंने संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की खातिर ‘महत्वपूर्ण’ भूमिका निभाने की पेशकश भी की।

68 वर्षीय नायडू ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘एक विकल्प (मोर्चा) स्वाभाविक रूप से उभरेगा। लोग मोदी सरकार से नाराज हैं और वे एक विकल्प चुनेंगे।’ नायडू के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी मोर्चे द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन नहीं किए जाने से उनकी संभावनाएं प्रभावित नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘अगर चुनाव के पहले विपक्षी मोर्चे की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय नहीं होता है तो मुझे इसमें कोई समस्या नहीं दिखती।’ नायडू ने कहा, ‘एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, मैं काम करूंगा (विकल्प के लिए)। निश्चित रूप से, मैं जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाऊंगा।’

उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन बनाने के लिए विभिन्न पार्टियों के साथ बातचीत अब भी चल रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री पद के लिए दौड़ में हैं, नायडू ने कहा, ‘मैं कभी भी केंद्र नहीं जाऊंगा। मैं केंद्र में किसी भी पद या किसी भी भूमिका का इच्छुक नहीं रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘स्थिति कभी इतनी खराब नहीं रही है। देश अब एक दयनीय स्थिति में है। यह सरकार लोगों के प्रति अपने कर्तव्य में विफल रही है। वे एक विकल्प चुनेंगे।’

उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार काफी अलोकप्रिय हो गई है और उसकी नीतियों के खिलाफ जनता में काफी गुस्सा है।’ अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति और ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘एक संदेश चारों ओर गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी पूरी तरह से नाकाम रही और उसका नतीजा नकारात्मक था। सरकार ने कालाधन वापस पाने के लिए कुछ भी नहीं किया है। धोखाधड़ी करने वाले लोग देश से बाहर चले गए हैं।

फ्रांस के साथ राफेल जेट सौदे पर नायडू ने मांग की कि सरकार के खिलाफ लग रहे आरोपों के आलोक में प्रधानमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने इसे स्पष्ट कर दिया है। लोगों को बताने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की है। जब कभी भ्रम की स्थिति हो तो सरकार को तुरंत जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए। तभी आप जनता का विश्वास हासिल कर पाएंगे।

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