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चेन्‍नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में शुमार की जाने वाली जे. जयललिता की पार्थिव देह को उनके राजनैतिक गुरु कहे जाने वाले एमजी रामचंद्रन की समाधि के पास ही दफना दिया गया। इससे पहले, जयललिता की अंतिम यात्रा राजाजी हॉल से शुरू होकर मरीना बीच तक पहुंची थी, और पूरी यात्रा के दौरान सैकड़ों लोग उस वाहन के साथ-साथ चलते रहे, जिसमें जयललिता को मरीना बीच ले जाया जा रहा था। जयललिता के लाखों समर्थक अपनी लोकप्रिय नेता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए मरीना बीच पर जमा हुए थे। और उनकी करीबी सहयोगी रहीं शशिकला ने अंत्येष्टि की सभी रस्में पूरी कीं। जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया. वह 68 वर्ष की थीं और पिछले करीब 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं। उनके निधन पर केंद्र सरकार ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। जहां देशभर की सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। इस बीच, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत कई फिल्म जगत की शख्सियतों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया। जयललिता के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध साझा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह उनके निधन से बेहद दुखी हैं और इसने भारतीय राजनीति में 'भारी रिक्ति' पैदा की है।

उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा उन अनगिनत अवसरों को संजोकर रखूंगा, जब मुझे जयललिता जी से संवाद करने का अवसर मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।' लोगों के अंतिम दर्शन के लिए जयललिता के पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा गया, जहां हजारों समर्थक अपनी 'पुराची थलैवी अम्मा' (क्रांतिकारी नेता अम्मा) को अंतिम विदाई देने के लिए कतार में खड़े रहे। जयललिता की पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में लिपटा हुआ उनका पार्थिव शरीर शीशे के बक्से में रखा गया। यह बक्सा राजाजी हॉल की सीढ़ियों पर रखा गया और सेना के चार जवानों ने उसे राष्ट्रीय ध्वज से ढक दिया। राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, सांसदों, विधायकों तथा राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दिवंगत मुख्यमंत्री को सबसे पहले श्रद्धांजलि दी। इससे पहले जयललिता के पार्थिव शरीर को मंगलवार सुबह उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल ले जाया जा रहा था, वहां समर्थकों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। इस दौरान कई बार समर्थकों और पुलिस में झड़प देखने को मिली। पूरी चेन्नई में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया। जयललिता जयराम राज्य की एक लोकप्रिय नेता थीं, जिन्होंने अपने लोकलुभावन कार्यक्रमों से गरीबों का दिल जीता और पिछले तीन दशक से प्रदेश की राजनीति में एक ध्रुव थीं। उनको रविवार शाम को दिल का दौरा पड़ा था और तभी से उनकी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई थी। तमिलनाडु में स्‍कूल और कॉलेज तीन दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं और 6 दिसंबर से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। वहीं सभी सरकारी कार्यालयों में अवकाश की घोषणा की गई है।

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