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नई दिल्ली: लक्षद्वीप में अगर अधिक संख्या में पर्यटक जाएंगे तो समस्या हो जाएगी। यह दावा देश के केंद्र शासित प्रदेश (लक्षद्वीप) से सांसद मोहम्मद फैजल ने किया है। उन्होंने कहा है कि लक्षद्वीप के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह भारी संख्या में पर्यटकों की संख्या संभाल पाए। मौजूदा समय में वहां होटलों की संख्या भी कम है, साथ ही सीधी उड़ानों की भारी कमी है और अगर इन बाधाओं को दूर भी कर लिया जाता है, तो द्वीप के नाजुक ईकोसिस्टम को देखते हुए पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित ही रखना होगा।

अंग्रेजी न्यूज चैनल 'एनडीटीवी' को दिए इंटरव्यू के दौरान सांसद फैसल ने बताया कि कोरल से बना लक्षद्वीप बहुत संवेदनशील और पारिस्थितिक रूप से बेहद नाजुक है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त न्यायमूर्ति रवींद्रन आयोग ने एक "एकीकृत द्वीप प्रबंधन योजना" बनाई थी। आयोग की इस रिपोर्ट में पर्यटकों की संख्या को सीमित रखने और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर भी सुझाव दिया गया है। आयोग की सलाह के चलते लक्षद्वीप इस समय "उच्च-स्तरीय नियंत्रित पर्यटन" पर ध्यान दे रहा है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील की व्यंजन सूची (मेन्यू) से चिकन सहित मीट उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र और अन्य से जवाब मांगा। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और एएस बोपन्ना की पीठ ने केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर भारत सरकार, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और अन्य को नोटिस जारी किया है।

अजमल अहमद ने की थी याचिका दायर

बता दें कि हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया था।कवरत्ती के मूल निवासी अजमल अहमद ने सितंबर 2021 में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा द्वीप प्रशासक का कार्यभार संभाले जाने के बाद उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता पशुपालन विभाग द्वारा संचालित डेयरी फार्म को बंद करना और स्थानीय लोगों की भोजन की आदतों पर 'हमला' करना है।

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