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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील की व्यंजन सूची (मेन्यू) से चिकन सहित मीट उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र और अन्य से जवाब मांगा। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और एएस बोपन्ना की पीठ ने केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर भारत सरकार, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और अन्य को नोटिस जारी किया है।

अजमल अहमद ने की थी याचिका दायर

बता दें कि हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया था।कवरत्ती के मूल निवासी अजमल अहमद ने सितंबर 2021 में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा द्वीप प्रशासक का कार्यभार संभाले जाने के बाद उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता पशुपालन विभाग द्वारा संचालित डेयरी फार्म को बंद करना और स्थानीय लोगों की भोजन की आदतों पर 'हमला' करना है।

सरकारें अपने अनुसार भोजन प्रदान नहीं कर सकते: हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने इस मामले पर कहा था कि, 'कोई भी राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेश या भारत सरकार से संबंधित सरकारों द्वारा परिकल्पित कार्यक्रम में उन्हें किसी विशेष प्रकार का भोजन उपलब्ध कराने के लिए जोर नहीं दे सकता है। अहमद ने पशुपालन निदेशक के 21 मई, 2021 के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें सभी डेयरी फार्म को बंद करने के निर्देश दिए गए थे। याचिकाकर्ता ने लक्षद्वीप में स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन से चिकन और अन्य मीट उत्पादों को हटाने के प्रशासन के फैसले को भी चुनौती दी है।

प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा लाए कुछ प्रावधानों का हुआ था विरोध

बताते चलें कि याचिकाकर्ता अजमल अहमद ने हाई कोर्ट में यह भी कहा था कि जब प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने पिछले साल दिसंबर में द्वीप के प्रशासक के रूप में पदभार संभाला था तो उनकी शीर्ष प्राथमिकता पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे डेयरी फार्म बंद करने और द्वीपवासियों की भोजन संबंधी आदतों को निशाना बनाने की थी।

जानिए कब से शुरु हुआ मिड-डे मिल

भारत में इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को की गई थी। इस योजना का लक्ष्य सरकारी प्राथमिक विधालयों में पढ़ने वाले बच्चों को पोषण युक्त भोजन प्रदान करना था। इस योजना के अनुसार प्रत्येक बच्चा जो सरकारी विधालयों में पढ़ता है, उसे 300 कैलोरीज और 8 से 12 ग्राम प्रटोन, भोजन में मिलना चाहिए। बाद में सितम्बर 2004 को कैलोरी और प्रटीन की मात्रा को बढ़ाकर 450 और 12 ग्राम किया गया।

 

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