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नई दिल्ली: लक्षद्वीप में अगर अधिक संख्या में पर्यटक जाएंगे तो समस्या हो जाएगी। यह दावा देश के केंद्र शासित प्रदेश (लक्षद्वीप) से सांसद मोहम्मद फैजल ने किया है। उन्होंने कहा है कि लक्षद्वीप के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह भारी संख्या में पर्यटकों की संख्या संभाल पाए। मौजूदा समय में वहां होटलों की संख्या भी कम है, साथ ही सीधी उड़ानों की भारी कमी है और अगर इन बाधाओं को दूर भी कर लिया जाता है, तो द्वीप के नाजुक ईकोसिस्टम को देखते हुए पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित ही रखना होगा।

अंग्रेजी न्यूज चैनल 'एनडीटीवी' को दिए इंटरव्यू के दौरान सांसद फैसल ने बताया कि कोरल से बना लक्षद्वीप बहुत संवेदनशील और पारिस्थितिक रूप से बेहद नाजुक है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त न्यायमूर्ति रवींद्रन आयोग ने एक "एकीकृत द्वीप प्रबंधन योजना" बनाई थी। आयोग की इस रिपोर्ट में पर्यटकों की संख्या को सीमित रखने और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर भी सुझाव दिया गया है। आयोग की सलाह के चलते लक्षद्वीप इस समय "उच्च-स्तरीय नियंत्रित पर्यटन" पर ध्यान दे रहा है।

उन्होंने कहा, केंद्र शासित प्रदेश अत्यधिक नियंत्रित पर्यटन के जरिए अधिकतम राजस्व जुटाने की योजना बना रहा है। आने वाले पर्यटकों को इस बात की सहमति भी देनी होगी कि उनकी तरफ से कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जाएगा, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचे।

लक्षद्वीप में सिर्फ 10 द्वीप पर रहते हैं लोग

लक्षद्वीप कुल 36 द्वीपों का समूह है, जिनमें केवल 10 पर ही लोग रहते हैं। मौजूदा समय में वहां की सिर्फ 8 से 10 फीसदी आबादी पर्यटन पर निर्भर है। 32 किलोमीटर स्क्वायर के एरिया में फैले लक्षद्वीप के कुछ ही द्वीप लोगों के लिए खुले हैं। यानि उन द्वीपों के अलावा पर्यटकों को कहीं और जाने की अनुमति नहीं है। फिलहाल वहां के प्रशासक प्रफ्फुल खोड़ा पटेल हैं।

भारत-मालदीव में कैसे शुरू हुआ था विवाद?

भारत और मालदीव के बीच पनपा राजनयिक विवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद शुरू हुआ था। सोशल मीडिया पर पीएम के लक्षद्वीप टूर से जुड़ी कुछ तस्वीरें आई थीं, जिन पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। भारत की ओर से इसे लेकर कड़ा रुख अपनाया गया था। सोशल मीडिया पर भी हिंदुस्तानी यूजर्स ने इसे न सिर्फ मुद्दा बनाया बल्कि मालदीव जाने के बजाय लक्षद्वीप जाकर वैकेशन मनाने की अपील की। यही वजह रही कि कई लोगों ने मालदीव की प्लान्ड ट्रिप कैंसल कीं। मालदीव ने इस आर्थिक चोट के बाद डैमेज कंट्रोल के रूप में उक्त तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस दौरान चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने पर बल देते नजर आए।

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