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गंगटोक: सिक्किम में तबाही के बीच जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 3 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आए बाढ़ में अब तक 40 लोगों की मौत की खबर है। इसमें सेना के 7 जवान भी शामिल हैं। बाढ़ में 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना और एनडीआरएफ बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के तीसरे दिन मरने वालों की संख्या 40 हो गई। डाउनस्ट्रीम सर्च और रेस्क्यू टीमों ने रातभर में कई शव निकाले हैं, क्योंकि पानी बंगाल की खाड़ी की ओर ग्रामीण इलाकों से होकर गुजर रहा था।
सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक ने कहा, "लाचेन और लाचुंग में करीब 3000 लोग फंसे हुए हैं। बाइक से वहां गए 3150 लोग भी बाढ़ के कारण फंस गए हैं। 700-800 ड्राइवर भी अटके हुए हैं। सेना और वायु सेना के हेलिकॉप्टरों से सभी को निकाला जा रहा है।"
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गंगटोक: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से मची तबाही में अब तक 14 लोगों के शव मिले हैं जबकि 22 सैन्यकर्मियों समेत 102 लोग लापता हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने एक बुलेटिन में बताया कि बुधवार को आई आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि लापता 22 सैन्यकर्मियों की तलाश निचले इलाकों में ध्यान केंद्रित करते हुए की जा रही है क्योंकि संभावना है कि पानी का तेज बहाव उन्हें नीचे की ओर ले गया होगा। एसएसडीएमए ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा से प्रभावित चार जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं।
गंगटोक जिले के आठ राहत शिविरों में कुल 1,025 लोगों ने शरण ली है जबकि 18 अन्य राहत शिविरों में रह रहे लोगों के आंकड़ें अभी उपलब्ध नहीं हुए हैं।
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गंगटोक: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और सेना के 23 जवान लापता हो गए। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अचानक बाढ़ आने और चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई।
गंगटोक के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया, ‘‘गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं, जबकि गोलिटार से तीन लोगों को बचाया गया।’’ एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर सिंगताम में स्टील से बना एक पुल बुधवार तड़के तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है।’’
सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया।
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गुवाहाटी: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। घाटी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं और अधिक विवरण का इंतजार किया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन प्रभावित हो गए हैं। 23 जवानों के लापता होने की सूचना है और कुछ वाहनों के कीचड़ में डूबे होने की खबर है। तलाशी अभियान जारी है।
रक्षा पीआरओ के मुताबिक, उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। घाटी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। अधिक जानकारी जुटाने के प्रयास जारी हैं। फिलहाल 23 कर्मियों के लापता होने की सूचना है और कुछ वाहनों के कीचड़ में डूबे होने की खबर है।
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