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नई दिल्ली/मुंबई: पश्चिमी यूपी की मेरठ लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस बार टीवी सीरियल 'रामायण' में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाया है।

मेरठ में एक 'बाहरी नेता' के तौर पर पहले से ही उनकी आलोचना हो रही थी। अब वोटिंग खत्म होते ही उनका मेरठ छोड़कर मुंबई लौट जाने को विपक्ष मुद्दा बना रहा है। 26 अप्रैल को जैसे ही मतदान हुआ और अरुण गोविल मुंबई के लिए रवाना हो गए। इससे स्थानीय नेताओं और जनता में भी नाराजगी है। इस बीच गोविल ने खुद बताया कि आखिर उन्हें मुंबई क्यों लौटना पड़ा।

कांग्रेस ने घेरा तो, अरुण गोविल ने दी सफाई

चुनावी अभियान में पहने गए कुर्ता-पायजामे की जगह शर्ट-पैंट। बीजेपी का स्कार्फ छोड़कर कैप का इस्तेमाल। पांव में चप्पलों की जगह जूते.... वोटिंग खत्म होते ही अरुण गोविल ने अपना गेटअप भी बदल लिया। इसकी एक फोटो शेयर करते हुए यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने अरुण गोविल पर निशाना साधा है।

अजय राय ने कहा, "यह पैराशूट नेता का एक प्रमुख उदाहरण है। मेरठ से बीजेपी उम्मीदवार अरुण गोविल चुनाव खत्म होने के अगले ही दिन मुंबई चले गए। शायद उन्हें जनता के बीच रहने में कठिनाई होती थी।''

वहीं, 66 वर्षीय अरुण गोविल ने सोशल मीडिया पर बाकायदा स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने साफ किया कि बीजेपी के आदेश के मुताबिक ही वो मेरठ से मुंबई लौटे हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी अरुण गोविल को देश में अलग-अलग सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए भेजेगी। उन्हें कहां-कहां भेजा जाएगा, अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है।

अरुण गोविल ने एक्स हैंडल से लंबा पोस्ट किया है। उन्होंने अपनी सफाई में लिखा- "मेरठ के मेरे सम्मानित मतदाताओं, बहनों, भाइयों और कार्यकर्ताओं... नमस्कार, 24 मार्च को होली के दिन भारतीय जनता पार्टी ने मेरे नाम की घोषणा की। उनके निर्देश पर मैं 26 मार्च को आपके बीच पहुंच गया। मैं एक महीने तक आपके साथ रहा। आपके समर्थन से चुनाव प्रचार किया। चुनाव संपन्न हुआ। मैं आपके प्यार, समर्थन और सम्मान के लिए बहुत आभारी हूं। अब पार्टी के निर्देश पर मैं यहां अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए मुंबई में हूं।"

अरुण गोविल ने कहा कि पार्टी उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अन्य क्षेत्रों में भेजने की योजना बना रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि काम पूरा होने के बाद वह दोबारा मेरठ के लोगों के बीच होंगे। गोविल पर यह भी आरोप है कि उन्हें मेरठ के मुद्दों की जानकारी नहीं है।

मेरठ के मुद्दों की नहीं थी जानकारी

कांग्रेस नेता अजय राय ने आरोप लगाया, "चुनाव प्रचार के दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे मेरठ के मुद्दों के बारे में पूछा, तो उन्हें कुछ भी पता नहीं था। वह केवल इतना ही कह सके कि पहले चुनाव खत्म होने दीजिये, फिर हम मुद्दों पर गौर करेंगे।" अजय राय आगे कहते हैं, "यह ज्यादातर बीजेपी नेताओं की नीति है। उन्हें लोगों और जमीन हकीकत के बारे में कुछ नहीं पता। वे सिर्फ पैराशूट पॉलिटिक्स में भरोसा करते हैं।"

गोविल ने दिया था ये जवाब

जब अरुण गोविल से मेरठ के मुद्दों के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि उन्हें ठीक से पता नहीं है कि यहां किस तरह के मुद्दे हैं। गोविल ने अपनी बात को संभालते हुए कहा था, "मूल रूप से कहीं भी देखिएगा तो मुख्य मुद्दा सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, रोजगार और चिकित्सा का होता है। मुझे नहीं पता कि यहां किस तरह के मुद्दे हैं, लेकिन जो कुछ भी होगा, हम उसका समाधान करने की कोशिश करेंगे।"

सहरावत की कोठी में रह रहे थे गोविल

बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल मेरठ के कैंट इलाके में सहरावत की कोठी में रह रहे थे। जिस दिन से अरुण गोविल इस कोठी में शिफ्ट हुए थे, तभी से कोठी के बाहर और भीतर चहल-पहल रहती थी। लेकिन 26 अप्रैल को वोटिंग खत्म होने के बाद से इस कोठी पर सन्नाटा पसरा है।

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