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नई दिल्ली: महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है। उसे अपनी मर्जी से खर्च करने का पूरा अधिकार है। यह कभी भी उसके पति के साथ संयुक्त संपत्ति नहीं बन सकती। संकट के समय में पति इसका उपयोग कर सकता है। लेकिन उसे इसे या इसके मूल्य को वापस पत्नी को लौटाना पति का दायित्व है।

महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए पति को अपनी पत्नी के सभी आभूषण छीनने के लिए 25 लाख रुपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। महिला अब 50 वर्ष की है। जीवन-यापन की लागत में वृद्धि और समता एवं न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए महिला को क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के 5 अप्रैल, 2022 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें तलाक मंजूर करते हुए पति और सास से सोने के मूल्य के रूप में 89,0000 रुपये वसूलने के फैमिली कोर्ट के 2011 के आदेश को रद्द कर दिया था।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस और बीजेपी के बीच घोषणापत्र और विरासत कर को लेकर जारी घमासान के बीच 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर आज लोकसभा चुनाव हो रहा है। यूपी, राजस्थान और केरल की सीटें अहम हैं।

दूसरे चरण में केरल की 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की आठ-आठ, मध्य प्रदेश की 7, असम और बिहार की पांच-पांच, बंगाल और छत्तीसगढ़ की तीन-तीन, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और त्रिपुरा में एक-एक सीटों पर चुनाव हो रहे हैं।

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दूसरे चरण में पहले 89 सीटों पर मतदान होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी के एक उम्मीदवार की मौत के बाद मध्य प्रदेश के बैतूल में मतदान पुनर्निर्धारित किया गया। बैतूल में अब 7 मई को तीसरे चरण में वोटिंग होगी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा चुनाव 2024 के पहले मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. गुरुवार (25 अप्रैल, 2024) को लिखे गए दो पन्नों के इस लेटर के जरिए कांग्रेस चीफ ने कहा कि उन्हें पीएम को कांग्रेस के चुनावी घोषणा-पत्र 'न्याय-पत्र' की वास्तविकता समझाने में खुशी होगी, ताकि वह कोई गलत बयानबाजी न करें।

संसद के उच्च सदन में विपक्ष के नेता ने चिट्ठी की शुरुआत में लिखा- मुझे उम्मीद है कि आप इस लेटर को सकारात्मक रूप में लेंगे। पिछले कुछ दिनों में दी गई आपके कुछ भाषणों और बयानों से न तो मुझे झटका लगा और न ही मैं हैरान हुआ। इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि आप और आपकी पार्टी के नेता चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद इसी अंदाज में बात करेंगे।

मल्लिकार्जुन खड़गे के मुताबिक, आज आप गरीब और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के मंगलसूत्र की बात करते हैं। क्या आपकी सरकार मणिपुर में महिलाओं और दलित लड़कियों के साथ हुए अत्याचार के साथ बलात्कारियों को माला पहनाए जाने के लिए जिम्मेदार नहीं है?

नई दिल्ली: विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच समझा जाता है कि निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राजस्थान में दिए गए उस भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों के धन को मुस्लिमों में वितरित करेगी। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मोदी द्वारा रविवार को दिए गए भाषण को लेकर आयोग को अलग-अलग शिकायतें दी थीं।

मोदी ने रविवार को दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में वितरित करेगी और उन्होंने अपने इस दावे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी का हवाला दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने प्रधानमंत्री के भाषण के खिलाफ शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है।

कांग्रेस ने आयोग से राजस्थान के बांसवाड़ा में की गई मोदी की ''धन के पुनर्वितरण'' वाली टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां 'विभाजनकारी' तथा 'दुर्भावनापूर्ण' हैं।

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