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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि गुरुवार को आठ मई तक बढ़ा दी।

'पांच सप्ताह की मिली थी अंतरिम जमानत'

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने हैदराबाद के कारोबारी बोइनपल्ली की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के अनुरोध पर राहत बढ़ाई। सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल को प्रदान की गई पांच सप्ताह की अंतरिम जमानत समाप्त हो रही है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी मुख्य याचिका पर मई में सुनवाई होगी।

शीर्ष कोर्ट ने बोइनपल्ली को विभिन्न बीमारियों से जूझ रहीं उनकी पत्नी की हालत के कारण 20 मार्च को पांच सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। शीर्ष कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए कहा था कि कारोबारी 18 महीने से हिरासत में है।

अदालत ने बोइनपल्ली से अपना पासपोर्ट सौंपने को कहा था और निर्देश दिया था कि वह अपने गृहनगर हैदराबाद की यात्रा के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से अन्यत्र कहीं नहीं जाएंगे।

बोइनपल्ली ने दिल्ली हाई कोर्ट के तीन जुलाई, 2023 के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने नौ अक्टूबर, 2022 को उनकी गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल उठाने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

 

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