नई दिल्ली: मिडल ईस्ट में जारी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इजरायल-गाजा के बीच पिछले 6 महीने से जारी जंग अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच एक और युद्ध का खतरा बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ईरान ने इजरायल पर हमले की चेतावनी देते हुए अमेरिका को पीछे हटने को कहा है। ईरान का कहना है कि अमेरिका अलग हट जाए, क्यों कि वह सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजरायली हमले के जवाब की तैयारी कर रहा है। इस बीच मिडल ईस्ट में ईरान के मुख्य प्रतिनिधि हिजबुल्लाह ने इजरायल को युद्ध के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
अमेरिका को इजरायल से दूरी बनाने की सलाह
वाशिंगटन को लिखे एक मैसेज में, ईरान ने "अमेरिका को बेंजामिन नेतन्याहू के जाल में न फंसने की सलाह दी।" ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी ने इजरायली पीएम नेतन्याहू का जिक्र करते हुए एक्स पर लिखा," अमेरिका को "अलग हट जाना चाहिए ताकि उस पर कोई आंच न आए।"
वहीं जवाब में अमेरिका ने ईरान से अमेरिकी ठिकानों पर हमला नहीं करने को कहा, ये जानकारी जमशीदी की तरफ से दी गई है। वहीं ईरान की तरफ से भेजे गए कथित लिखित मैसेज पर अमेरिका ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
अमेरिका में हाई अलर्ट
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के संभावित हमले को लेकर और मिडल ईस्ट के तनाव को देखते हुए अमेरिका हाई अलर्ट पर है। नेटवर्क ने एक अनाम अमेरिकी अधिकारी का हवाला देते हुए ये बात कही। एनबीसी ने दो अनाम अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि इजरायल में होने वाले किसी भी संभावित हमले को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन चिंतित है। वह खासकर नागरिकों से ज्यादा सैन्य या खुफिया लक्ष्यों को लेकर चिंतित हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन ने असामान्य कदम उठाते हुए ईरान को सीधे यह सूचित किया कि अमेरिका को दश्मिक में हुए हमले के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। इससे पता चलता है कि अमेरिका मिडल ईस्ट में अपनी सेना और ठिकानों पर हमले को रोकने की कोशिश कर रहा है।
दश्मिक हमले के जवाब के लिए ईरान तैयार!
इस्लामिक रिपब्लिक का कहना है कि ईरान अपने कट्टर दुश्मन इजरायल को जवाब देने के लिए तैयार है, हालांकि कब, यह अभी साफ नहीं है। ये भी साफ नहीं है कि ईरान सीधे इज़रायल पर हमला करने की कोशिश करेगा या लेबनान स्थित हिजबुल्लाह जैसे अपने किसी प्रॉक्सी समूह के माध्यम से करवाएगा। बता दें कि दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हुए हवाई हमले में दो जनरलों समेत करीब सात ईरानी मारे गए थे, जबकि इज़रायल ने पिछले कुछ महीनों में सीरिया में ईरान से जुड़ी संपत्तियों को बार-बार निशाना बनाया है, लेकिन किसी ईरानी राजनयिक भवन पर हमला पहली बार देखा गया। इजरायल तब से ही हाई अलर्ट पर है और उसने अपने फाइटर सोल्जर्स की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं और हवाई सुरक्षा भी बढ़ा दी है।