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भोपाल: देश के जाने माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि देश की न्यायिक व्यवस्था चरमराई हुई है। उन्होंने कहा, इसे सुधारने के लिए देश में कानूनी जागरुकता के साथ-साथ सामाजिक जागरुकता का एक बड़ा आंदोलन चलाना होगा। प्रशांत भूषण ने रविवार को भोपाल में एक टॉक शो में कहा, 'देश में न्यायपालिका एक बहुत ही अहम संस्थान है। देश की न्यायिक व्यवस्था चरमराई हुई है। इसे सुधारने के लिए देश में एक बड़ा आंदोलन चलाना होगा।' उन्होंने कहा कि देश में उच्च स्तर पर न्यायपालिका की कोई जवाबदेही नहीं है। सरकार और न्यायपालिका से स्वतंत्र ऐसी कोई संस्था नहीं है, जहां न्यायपालिका की शिकायत की जा सके। इस वजह से न्याय व्यवस्था में भ्रष्टाचार भी खूब पनप रहा है। उन्होंने कहा कि देश में कानूनी जागरुकता जरूरी है और सरकार के खिलाफ तो आप न्यायालय में जा सकते है। लेकिन अदालत की प्रणाली गड़बड़ाई हुई है और वहां आपकी सुनवाई नहीं होती है।

लंबी-लंबी तारीखें मिलती हैं। इसलिए देश में कानूनी जागरुकता के साथ-साथ न्याय व्यवस्था के प्रति सामाजिक जागरुकता लाना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में अन्ना हजारे के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन चलाया गया। उसी प्रकार देश की न्याय व्यवस्था के प्रति सामाजिक जागरुकता के लिए एक बड़ा आंदोलन चलाना होगा।

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