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मुंबई: राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इतिहास को तोड़मरोड़ कर भारत को एक ‘‘हिन्दू राष्ट्र’’ में बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इतिहासकारों से अगली पीढ़ी के वास्ते एकसाथ होने और ‘‘सच्चाई लिखने’’ का आग्रह किया। पवार ने एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग स्कूली पाठ्यपुस्तकों में इतिहास को तोड़मरोड़ कर भारत को एक हिन्दू राष्ट्र में बदलने के इरादे से काम कर रहे हैं। यह खतरनाक साबित होगा क्योंकि यह देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को नुकसान पहुंचाएगा।’’ उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच जागरूकता पैदा किए जाने की आवश्यकता है कि कुछ लोग समाज में जहर फैलाने के लिए उन्हें दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आलेख लिखे जाने की आवश्यकता है, इस मुद्दे पर बहस किए जाने चाहिए क्योंकि यह एक गंभीर मुद्दा है।’’ राकांपा नेता ने कहा, ‘‘कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि शिवाजी महाराज मुस्लिम विरोधी थे। तथ्य यह है कि उन्होंने अपनी सेना में मुस्लिमों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया था। इस प्रकार की घृणा फैलाना धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय एकता के लिए अच्छा नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल का मुकाबला करने के लिए इतिहासकारों को एकसाथ आने, नियमित रूप से मिलने और सच्चाई लिखने की जरूरत है जिससे देश को ‘‘मूल इतिहास’’ दिखाया जा सके। पवार ने कहा कि ऐसी कोई प्रणाली या संस्थान होना चाहिए जो तोड़मरोड़ कर पेश किए गए इतिहास को ठीक करने के लिए कदम उठा सके। उन्होंने कहा कि वह तथ्यों को दुरूस्त करने में हर संभव तरीके से मदद मुहैया कराएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दो संस्थानों नेहरू विज्ञान केंद्र और वाई बी चव्हाण केंद्र में ट्रस्टी हूं। इतिहासकार नेहरू विज्ञान केंद्र के मूलभूत ढांचे का उपयोग कर सकते हैं तथा ऐसे प्रयासों के खिलाफ सामग्री प्रकाशित करने की जिम्मेदारी लें। हम सामग्री का वितरण करेंगे।’’ पवार ने कहा कि वाई बी चव्हाण केंद्र में एक अलग ‘‘इतिहास प्रकोष्ठ’’ स्थापित किया जाएगा और इतिहासकार वहां बहस और सेमिनारों के आयोजन की जिम्मेदारी उठा सकते हैं।

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