ताज़ा खबरें
'कानून का पालन किए बिना भूमि अधिग्रहण असंवैधानिक': सुप्रीम कोर्ट
केजरीवाल की जमानत अपवाद नहीं- गृहमंत्री की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट
छठे चरण में 180 दागी, 338 करोड़पतियों में सबसे अमीर नवीन जिंदल
बीजेपी वालों से गुज़ारिश है, घटना पर राजनीति न करें: स्वाति मालीवाल
शराब नीति केस में सीएम केजरीवाल को करना होगा सरेंडर: सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट के संज्ञान में केस होने पर ईडी अरेस्ट नहीं कर सकती: सुप्रीम कोर्ट
लोकसभा चुनाव में बीजेपी 220 से कम सीटों पर सिमट जाएगी:केजरीवाल

नई दिल्ली: अमेरिका निर्मित हीलियम से भरा बैलून जिसे सुखोई-30 लड़ाकू विमान ने राजस्थान में मार गिराया था वह पाकिस्तान से आया था और यह भारत के प्रतिक्रिया व्यक्त करने में लगने वाले समय की टोह लेने का प्रयास हो सकता है। यह जानकारी आज (बुधवार) शीर्ष सरकारी सूत्र ने दी। रक्षा मंत्रालय ने अब विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर घटना के बारे में उसे सूचित किया है। तीन मीटर व्यास वाले चमकदार बैलून पर हैप्पी बर्थडे लिखा था। यह जैसलमेर जिले में तकरीबन 25000 फुट की उंचाई पर उड़ रहा था जब वायु सेना के रडार ने उन्हें देखा। गणतंत्र दिवस समारोह के मददेनजर वायु सेना के रडार हाई अलर्ट पर थे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से जब कल की घटना के बारे में यहां एक कार्यक्रम से इतर पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमारे रडार ने हमारे आकाशीय क्षेत्र में एक चमकदार उड़ती हुई वस्तु को देखा।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने पर संप्रग सरकार के कार्यकाल में नियुक्त उत्तराखंड और पुडुचेरी के राज्यपालों को बर्खास्त करने के मामलों में केन्द्र सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा कि यह ‘गंभीर मसला’ है। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तत्कालीन राज्यपाल अजीज कुरैशी और वीरेन्द्र कटारिया की याचिकाओं पर केन्द्र से चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया। इस मामले में अब 28 मार्च को आगे की सुनवाई होगी। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद राज्यपाल के पद से हटाये गये कुरैशी ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने उन्हें इस्तीफा देने अथवा बर्खास्तगी का सामना करने की धमकी दी थी।

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यपाल को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है। अगली सुनवाई सोमवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात पर नाराजगी जताई कि राज्यपाल की तरफ से कोर्ट को सारी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है । कोर्ट ने कहा कि किन हालातों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है, यह जानकारी हमारे लिए जरूरी है। राज्यपाल के वकील के एक दिन का वक्त मांगने पर कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपको ईटानगर जाने की जरूरत नहीं, ई-मेल से रिपोर्ट मंगाइये। इसके बाद फाइल कोर्ट में लाई गई। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले के खिलाफ कांंग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सुनवाई चल रही है।

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बाद भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस ने बुधवार को पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अरुणाचल में 'लोकतंत्र की हत्या' की हत्या हुई है और वहां पर जबरन सरकार बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'अरुणाचल में प्रजातंत्र का गला घोंटकर राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। मोदी जी वहां जबरन सरकार बनाना चाहते हैं।' वहीं, भाजपा ने अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के कैबिनेट के फैसले का बचाव किया है। भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यदि किसी राज्य में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो जाता है तो उसमें सुधार करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख