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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शीर्ष नौकरशाही में बदलाव के तहत दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग को हटाकर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में भेज दिया। गर्ग दस महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनकी जगह जेएस दीपक को दूरसंचार विभाग में नया सचिव नियुक्त किया गया है। दीपक, 1982 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले साल 2010 में दूरसंचार विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने 3 जी और 4 जी स्पेक्ट्रम की सफल नीलामी में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे तत्कालीन यूपीए सरकार को करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। मौजूदा केंद्र सरकार जल्द ही 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी करने पर विचार कर रही है, जिससे उसे पांच लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।

नई दिल्ली: केंद्र ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को उच्चतम न्यायालय में यह कहते हुए उचित ठहराया कि राज्य में शासन और कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। वहां प्रदेश के राज्यपाल और उनके परिवार की जान को गंभीर खतरा था। गृह मंत्रालय द्वारा दायर हलफनामे में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री नबाम तुकी और विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा के खिलाफ ‘‘सांप्रदायिक राजनीति’’ कर रहे हैं। राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करते हुए उन घटनाक्रमों का ब्योरा दिया था जिसके बाद राज्य की कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसमें कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री नबाम तुकी और विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया दोनों एक ही समुदाय के हैं।

नई दिल्ली: वरिष्ठ भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोलकर हलचल पैदा कर दी है। शत्रुघ्न ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, 'मुझे हमारे एक्शन हीरो प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है। लेकिन इस बात से अचंभित हूं कि आखिर उन्हें अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लगाने की राय किसने दी?' उन्होंने अपने पहले के ही ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए लिखा, 'ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया, जब मामला कोर्ट में 5 जजों की संवैधानिक पीठ के सामने चल रहा था। आश्चर्य ये है कि आखिर इस मामले में इतनी जल्दी किस बात की थी।' यही नहीं उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, 'भगवान हमें माफ करे।

नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से कथित तौर पर सहानुभूति रखने वाले और भारत सहित कुछ अन्य देशों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के मिशन पर रहे तीन भारतीयों को वापस भेज दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अदनान हुसैन, मोहम्मद फरहान और शेख अजहर अल इस्लाम को भारत वापस भेजा गया। गुरुवार रात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने के बाद एनआईए ने उन्हें हिरासत में ले लिया और पूछताछ के बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वे महाराष्ट्र, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक़ अदनान हुसैन, मोहम्मद फरहान और शेख़ अल इस्लाम को यूएई से डिपोर्ट किया गया।

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