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भुवनेश्वर: सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर एवं कर्ली टेल्स की संस्थापक कामिया जानी के श्री जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करने को लेकर हुआ विवाद शनिवार को और बढ़ गया। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इसको लेकर निशाना साधा और एक स्थानीय सांस्कृतिक संगठन ने भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए यहां विरोध प्रदर्शन किया। मंदिर में जानी के प्रवेश को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से मुद्दा बनाए जाने के बाद, पिछले तीन दिनों से यह विवाद गरमाया हुआ है और जानी पर "गोमांस को बढ़ावा देने" का आरोप लगाया।

मामला बना राजनीतिक मुद्दा

बीजेपी ने नौकरशाह से नेता बने बीजू जनता दल (बीजद) के वीके पांडियन पर जानी को मंदिर में प्रवेश देने के लिए मदद करने और मंदिर पर एक फिल्म बनाने की अनुमति देने का आरोप लगाया, जिसके बाद यह मामला राजनीतिक मुद्दा बन गया।

बीजद ने पांडियन और जानी का बचाव किया

सत्तारूढ़ बीजद ने पांडियन और जानी का बचाव किया है। बीजद सांसद मानस मंगराज ने शुक्रवार को कहा कि श्रीजगन्नाथ मंदिर को लेकर जानी का काम गलत कैसे हो गया, जबकि अयोध्या मंदिर, महाकाल मंदिर और चार धाम पर उनके वीडियो के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी सराहना की थी।

कांग्रेस ने भी ओडिशा सरकार पर साधा निशाना

इस बीच, कांग्रेस ने भी ओडिशा सरकार पर निशाना साधा है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक और पार्टी की अभियान समिति के अध्यक्ष विजय पटनायक ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जानी को मंदिर के अंदर ले जाने के लिए पांडियन को किसने कहा था।

कांग्रेस नेताओं ने कहा, "अगर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं तो उन्हें ओडिशा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।"

महात्मा गांधी मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया

श्री जगन्नाथ संस्कृति सुरक्षा अभिजन के कार्यकर्ताओं ने करोड़ों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए यहां महात्मा गांधी मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया।

जानी के वीडियो में श्री जगन्नाथ की संस्कृति पर प्रकाश डाला गया है और नौकरशाह से बीजद नेता बने वी के पांडियन को 'महाप्रसाद' के महत्व, चल रही विरासत गलियारा परियोजना और मंदिर विकास से जुड़े अन्य पहलुओं पर बोलते हुए भी दिखाया गया है।

सवालों को टाल दिया

कोरापुट की अपनी यात्रा के दौरान, पांडियन ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और "जय जगन्नाथ" कहकर सवालों को टाल दिया।

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