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इंफाल: जुलाई में लापता हुए दो युवकों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मंगलवार को मणिपुर की राजधानी में छात्रों के नेतृत्व में हिंसा की एक ताजा घटना भड़क गई। दो युवकों की मौत पर हिंसक विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी है। छात्रों की भीड़ ने इंफाल पश्चिम में उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो वाहनों को आग लगा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि कल रात, प्रदर्शनकारी उरीपोक, याइस्कुल, सागोलबंद और तेरा इलाकों में सुरक्षा कर्मियों से भिड़ गए, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बलों को कई राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों को आवासीय इलाकों में प्रवेश करने से रोकने के लिए सड़कों को टायर, बोल्डर और लोहे के पाइप जलाकर अवरुद्ध कर दिया।

भीड़ ने डीसी कार्यालय में भी तोड़फोड़ की और दो वाहनों को आग लगा दी। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ कर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित किया।

इंफाल: मणिपुर में तनाव के बाद मंगलवार (26 सितंबर) से पांच दिनों के लिए इंटरनेट सर्विस सस्पेंड कर दी गई। ये इंटरनेट निलंबन रविवार (1 अक्टूबर) की शाम 7 बजकर 45 मिनट तक जारी रहेगा। पांच महीनों के बाद ही में राज्य में इंटरनेट सेवा बहाल की गई थी।

इसके अलावा राज्य के सभी स्कूल भी तीन दिन के लिए बंद रहेंगे। राज्य सरकार ने एलान किया कि बुधवार (27 सितंबर) और 29 सितंबर (शुक्रवार) को स्कूल में छुट्टी रहेगी। वहीं 28 सितंबर (गुरुवार) को ईद ए मिलाद के कारण पहले से ही अधिकारिक छुट्टी है।

मणिपुर से जुलाई से लापता दो छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सोमवार (25 सितंबर) को वायरल हो गई। इसके बाद इंफाल स्थित स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने विरोध रैलियां निकालीं। इसपर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो 30 से अधिक छात्र घायल हो गए। इस कारण राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया है।

मणिपुर में दो समुदायों के बीच तीन मई को हिंसा शुरू हुई थी। इसके बाद कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा मामले में मणिपुर सरकार को आदेश दिया कि हफ्ते भर में हाई कोर्ट से लेकर सभी निचली अदालतों में वीडियो कांफ्रेसिंग से सुनवाई की सुविधा शुरू की जाए। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी वकील को उसमें पेश होने से न रोका जाए। अगर किसी को रोका गया, तो ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी को इंसाफ सुनिश्चित करने की गारंटी चाहते हैं।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ये ब्योरा भी मांगा है कि सभी समुदाय के वकील कोर्ट में पेश हो रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हम मणिपुर के हर मामले में दखल नहीं देंगे। हम मणिपुर का प्रशासन सुप्रीम कोर्ट से नहीं चलाना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा कि हम ये भरोसा करने को तैयार नहीं है कि मणिपुर हाईकोर्ट में कामकाज नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा ये जनहित में होगा कि एक-दूसरे पर कीचड़ उछालना बंद किया जाए।

अपने निर्देशों के अनुपालन की स्थिति का जायजा लेने के लिए कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत और पुनर्वास को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इंफाल: मणिपुर में जातीय हिंसा थमती नहीं दिख रही है। गुरुवार को 5 युवकों की गिरफ्तारी को लेकर भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया। बिना शर्त इन युवकों की रिहाई की मांग कर रही भीड़ ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी पर हमले की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया। इस दौरान कई लोगों के जख्मी होने की खबर है। इंफाल में 16 सितंबर को पांच लड़कों की गिरफ्तारी के बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

सुरक्षा बलों ने इन लोगों की भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें कई लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने इस बारे मे जानकारी दी। पुलिस के साथ हुई झड़प की घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द कर दी है। इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट ने इस बारे में आधिकारिक आदेश भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 21 सितंबर को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी, जिसे शाम 5 बजे से वापस ले लिया गया है। ऐसे में पहले से जारी सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे।

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