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नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों की महिला समिति द्वारा एक रिपोर्ट दाखिल की गई है, जिसमें राज्य के मुर्दाघरों में पड़े शवों की स्थिति का संकेत दिया गया है। इस समिति का नेतृत्व न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गीता मित्तल द्वारा किया गया।

इसने इस बात पर भी गौर किया कि 169 शवों में से 81 पर उनके परिजनों ने दावा किया है, जबकि 88 शवों पर दावा नहीं किया गया है। पीठ ने पाया कि राज्य सरकार ने नौ स्थलों की पहचान की है जहां शवों को दफनाया जा सकता है।

पीठ ने कहा, 'उन शवों को शवगृहों में अनिश्चित काल तक रखना उचित नहीं होगा, जिनकी पहचान नहीं की गई है या जिन पर दावा नहीं किया गया है।' शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें हिंसा के मामलों की अदालत की निगरानी में जांच के अलावा राहत और पुनर्वास के उपाय की मांग शामिल है।

इंफाल: मण‍िपुर में एक बार फ‍िर से बवाल शुरू हो गया है। राज्‍य के इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिले में 'लॉ एंड ऑर्डर' की स्‍थ‍ित‍ि ठीक नहीं है। इसके मद्देनजर अब दै‍न‍िक कर्फ्यू में सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक दी जा रही ढील को तत्‍काल प्रभाव से वापस ले लि‍या गया है। दरअसल, भीड़ ने बुधवार (1 नवंबर) को मणिपुर पुलिस कार्यालय परिसर का घेराव करने की कोशिश की। भीड़ को त‍ितर बि‍तर करने के ल‍िए पुल‍िस की ओर से हवा में कई राउंड फायरिंग भी की गई।

एसडीपीओ की आदिवासी उग्रवादियों ने की गोली मारकर हत्या 

मीडिया रिपोर्टस के मुताब‍िक, प्रशासन की ओर से जारी आदेशों के तहत सरकार ने कानून और व्यवस्था की स्‍थ‍ित‍ि को बनाए रखने के ल‍िए कर्फ्यू की ढील को समाप्‍त क‍र द‍िया गया है। यह निर्णय एक समूह की ओर से इंफाल पश्चिम जिले स्‍थ‍ित राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय के नजदीक फर्स्‍ट मणिपुर राइफल्स कॉम्प्लेक्स को घेरने की कोश‍िशों को करने के बाद ल‍िया गया है।

इंफाल: मणिपुर में महीनों से जारी जातीय हिंसा के बीच मंगलवार को संदिग्ध उग्रवादियों की गोली लगने से एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब मोरेह उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) चिंगथम आनंद सीमावर्ती शहर के पूर्वी मैदान में एक नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे।

गोली लगने के बाद एसडीपीओ को मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तुरंत भर्ती कराया गया, जहां उमकी मौत हो गई। पुलिस ने उग्रवादियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान शुरू कर दिया है।

मणिपुर के सीएम ने जताया शोक

इस घटना को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह आनंद की 'नृशंस हत्या' से दुखी हैं। सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'आज सुबह मोरेह पुलिस के ओसी, एसडीपीओ चिंगथम आनंद की निर्मम हत्या से बहुत दुखी हूं। लोगों की सेवा और सुरक्षा के प्रति उनके समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।'

इंफाल: मणिपुर के पश्चिमी इंफाल जिले में राज्य मंत्री खेमचंद युमनम के आवास के पास हैंड ग्रेनेड विस्फोट में एक सीआरपीएफ जवान समेत दो लोग घायल हो गए। यह घटना शनिवार को युमनम लेकई में रात के करीब 10 बजे की है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो मोटरसाइकिल सवार ने ग्रेनेड फेंका, जो कि मंत्री के आवास के मुख्य द्वार के कुछ ही मीटर दूर गिरा। घायल हुए सीआरपीएफ जवान की पहचान पश्चिम बंगाल के निवासी दिनेश चंद्र दास के तौर पर हुई है। उनके हाथ पर चोट आई है। वहीं दूसरी घायल व्यक्ति एक महिला थी, उसके दाएं पंजे में चोट लगी थी। युमनाम ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री हैं। इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने इस हमले की निंदा भी की।

मणिपुर सरकार ने मंजूरी लिए बिना जिलों और संस्थानों के नाम बदलने के खिलाफ एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में कहा गया है कि इस तरह का कदम समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा कर सकता है तथा कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को बिगाड़ सकता है।

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