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रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को रांची में पीएमएलए अदालत ने पांच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें गुरुवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सोरेन को 31 जनवरी को भूखंड के अवैध कब्जे और भूमि माफिया के साथ कथित संबंध से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने शुक्रवार को सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी से हाईकोर्ट जाने को कहा। 

इससे पहले ईडी ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात घंटे की पूछताछ के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था।

रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे के बाद हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं उनके इस्तीफे के बाद से ही झारखंड में सियासी घटनाक्रम देखने को मिला। हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने की चर्चा भी प्रदेश के सियासी गलियारों में होती रही, लेकिन उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाने का फैसला लिया गया। इन सबके बीच मुख्यमंत्री के नाम पर चंपई सोरेन का नाम कैसे सामने आया, इसको लेकर लोगों के जहन में सवाल घूम रहा था, लेकिन अब इस सवाल के जवाब के तौर पर जेएमएम सांसद महुआ माजी ने बड़ा खुलासा किया है।

चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री पद के लिए नाम को लेकर सांसद महुआ माजी ने बताया, "हेमंत सोरेन ने एक बंद लिफाफे में चंपई सोरेन का नाम लिखकर छोड़ दिया था। गिरफ्तारी का पता चलते ही उस लिफाफे को सभी विधायकों के सामने खोला गया। लिफाफे में चंपई का नाम था। हेमंत सोरेन ने और भी बहुत भावुक बातें लिखी थीं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्र में लिखा कि उनके बूढ़े माता.पिता का ध्यान रखा जाए। बसंत का ध्यान रखा जाए। विधायकों को तोड़ने का खतरा था, इसलिए हैदराबाद भेजा गया सतर्क रहने के लिए।"

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली। चंपई सोरेन को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोनीत किया था।

इससे पहले चंपई सोरेन ने शिबू सोरेन से मुलाकात की। इसके बाद चंपई ने कहा कि गुरुजी हमारे आदर्श हैं, शपथ लेने से पहले हम गुरुजी और माताजी (रूपी सोरेन) से आशीर्वाद लेने आए थे। मैं झारखंड आंदोलन से जुड़ा था और मैं उनका शिष्य हूं।

जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक हैदराबाद रवाना

शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ही देर बाद ही झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक हैदराबाद जाने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हमें सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। हम इस दौरान कोई जोखिम नहीं ले सकते, क्योंकि भाजपा हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है।

नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी सुनने से इंकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने पूर्व सीएम से सूबे के हाईकोर्ट का रुख करने के लिए कहा है। अदालत की ओर से कहा गया कि जेएमएम के नेता भूमि से जुड़े मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ वाली याचिका वहीं लेकर जाएं।

सर्वोच्च अदालत में शुक्रवार (2 फरवरी, 2024) को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने दो टूक कहा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते हैं? कृपया हाईकोर्ट का रुख करिए। मेरे साथी जज भी इस बात से सहमत हैं। हम सीधे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका को सुन नहीं सकते हैं। याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाने को स्वतंत्र है। हमें बताया गया है कि यही याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई है, जो वहां पेडिंग है। आपको वहां बात रखनी चाहिए। हाईकोर्ट में दी गई याचिका में अगर किसी संशोधन की ज़रूरत है, तो याचिकाकर्ता उसे कर सकते हैं। जस्टिस खन्ना की ओर से कहा गया, "हाईकोर्ट भी संवैधानिक कोर्ट है। हम अगर आपको सीधे सुनेंगे तो दूसरों को कैसे मना कर सकते हैं।"

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