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कोलकाता: नन्हीं बालिका वधु दो बेटियों की मां बनने के बाद अब एक बार फिर अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए बेताब है और स्कूल जाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। सन्तना मुरमू का जब विवाह हुआ था तब वह 14 साल की थीं और आठवीं कक्षा में पढ़ती थीं। विवाह के चार साल बाद वह अब दो बेटियों की मां बन चुकी हैं। पश्चिम बंगाल की यह निर्धन आदिवासी लड़की एक बार फिर पढ़ना चाहती है। इतना ही नहीं, वह बाल विवाह रोकने के लिए काम कर रही है और उसकी कहानियां साझा करने के लिए उसे पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में आमंत्रित भी किया गया था। अपनी बेटियों को सास-ससुर तथा पति के पास छोड़कर सन्तना हर सुबह दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमंडी गांव से तीन किलोमीटर का पैदल सफर तय कर मणिकोर हाईस्कूल जाती है।

कोलकाता: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि खाप पंचायतें समाज की उपयोगी संस्थाएं हैं जो समाज सुधार के काम को आगे बढ़ाती हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि एकाध गलती के कारण उन्हें पूरी तरह गलत नहीं ठहराया जा सकता। खट्टर ने कहा कि खाप पंचायतों का अपना मजबूत आधार है और उन पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने यहां कहा, इनका गठन सरकार द्वारा नहीं किया गया है। ये खाप पंचायतें पिछले 800 सालों से हैं। इन पंचायतों को उन्हीं इलाकों के लोगों ने बनाया था। उन्होंने दहेज व्यवस्था के खिलाफ खड़े होने, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और लैंगिक अनुपात जैसे मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने समेत विभिन्न समाज सुधार के काम किए हैं। उन्होंने कहा, मैं बल्कि यह महसूस करता हूं कि ये समाज की उपयोगी संस्थाएं हैं।

कोलकाता: सहनशीलता को वक्त की जरूरत बताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज (रविवार) कहा कि कोई भी धर्म असहनशील बनना नहीं सिखाता और सभी का सम्मान करने के संदेश के साथ हिंदू धर्म एक ‘‘सार्वभौम धर्म’’ के तौर पर विकसित हुआ है । ममता ने कहा, ‘‘हमें बड़ी सोच वाला होना चाहिए । किसी धर्म ने असहनशील बनना नहीं सिखाया है । हिंदू धर्म अपनी व्यापकता एवं सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करने के संदेश के साथ एक सार्वभौम धर्म है ।’’ मुख्यमंत्री ने ‘भारत सेवाश्रम संघ’ के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत की संस्कृति जाति, धर्म एवं वर्ग से परे जाकर विविधता में एकता का संदेश देती है ।’’

कोलकाता: एक स्थानीय अदालत ने कामदुनी गैंगरेप और हत्या मामले में शनिवार को छह दोषियों को सजा सुनाई। इनमें से तीन को फांसी, जबकि अन्य तीन को उम्रकैद की सजा दी गई है। गौरतलब है कि कामदुनी में 21 वर्ष की एक कॉलेज छात्रा के साथ जून, 2013 में दरिंदगी से बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अदालत ने पहले ही दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था। 28 जनवरी को अतिरिक्त नगर और सत्र न्यायाधीश संचिता कार ने खचाखच भरी अदालत में सैफुल अली, अंसार अली और अमीनुल अली को सामूहिक बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया था। तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया।

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