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चंडीगढ़/हिसार: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसान 11 दिन से धरने पर हैं। हरियाणा के हिसार में किसानों और पुलिस के बीच शुक्रवार को झड़प हो गई। खनौरी बॉर्डर जाने के लिए किसान खेड़ी चौपटा में इकट्ठा हुए थे। पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोका, जिसे लेकर बवाल हो गया। किसानों का कहना है कि पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले बरसाए। दूसरी ओर, पुलिस ने आरोप लगाया कि रोके जाने पर किसानों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की।

झड़प के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और कई किसानों को अपनी हिरासत में ले लिया। किसानों के साथ हुई झड़प में हरियाणा पुलिस के एसएचओ जख्मी हो गए। नारनौंद के एसएचओ चंद्रभान के अलावा डीएसपी रविंद्र सांगवान और डीएसपी राज सिंह भी घायल हुए हैं। कई किसानों को भी चोटें लगी हैं। दोनों तरफ से तनाव की स्थिति है।

वहीं, हरियाणा पुलिस ने आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई का फैसला वापस ले लिया है। अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबिराज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

चंडीगढ़: 21 फरवरी को दिल्ली मार्च के दौरान हुई हिंसा में किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद किसानों ने अपने साथी के लिए मुआवजे की मांग की थी और शव के पोस्टमार्टम पर रोक लगा दी थी। अब इसी बीच पंजाब के सीएम भगवत मान ने शुभकरण सिंह के परिवार 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

दरअसल, मुख्यमंत्री भगवत मान ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी... दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी... फर्ज निभा रहे हैं।"

पंजाब सरकार द्वारा शुभकरण के परिवार को मुआवजा दिए जाने के बाद उनके शव के पोस्टमार्टम की संभावना जताई जा रही है।

चंडीगढ़: दिल्ली की सीमाओं पर पिछले काफी दिनों से डटे किसान आज एक बार फिर से राजधानी में कूच की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच पुलिस और सुरक्षा बल पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं। हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आज एक बार फिर से आंसू गैस के गोले दागे। ड्रोन के जरिए किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले दागने के बाद वहां भगदड़ मच गई।

किसानों मे आज 11 बजे दिल्ली में प्रवेश का एलान किया था, जिसके बाद किसान बॉर्डर से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उनको आगे बढ़ने से रोकने के लिए बल प्रयोग किया। बता दें कि करीब 14 हजार किसान 12 हजार टैक्टर्स के साथ दिल्ली में धावा बोलने की तैयारी में हैं। लेकिन पुलिस नहीं चाहती कि इस बार 2021 जैसी कोई भी चूक हो। पिछले विरोध मार्च से सबक लेते हुए पुलिस ने इस बार सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जगह -जगह पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसानों की हर एक हरकत पर नजर रखी जा रही है।

चंडीगढ़: केंद्र सरकार से बातचीत के बीच किसानों ने आज दिल्ली कूच का आह्वान किया है। किसानों का दिल्ली कूच करने की घोषणा के तहत संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता और सदस्य मंगलवार सुबह से ही शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रणनीति बनाने में जुट गए।

इसके तहत कंक्रीट व भारी-भरकम बैरिकेड तोड़ने के लिए बख्तरबंद भारी मशीनरी लेकर हजारों किसान शंभू बॉर्डर पर पहुंचे हैं। बता दें एसकेएम के नेतृत्व में 22 फरवरी को किसानों का 500 संगठन दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए मंथन करेंगे।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेतृत्व में किसान बुधवार को सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे। इसके लिए वे सीमा पर बुलडोजर, हाइड्रोलिक क्रेन, बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनों के साथ जुट गए हैं। आंसू गैस के गोलों से बचाव के लिए बड़ी संख्या में मास्क भी हैं।

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