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तिरुवनंतपुरम: केरल में कांग्रेस इकाई ने आज राजधानी तिरुवनंतपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी पर केंद्रित विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया था। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के यूट्यूब के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए हैं, उनको भी ब्लॉक कर दिया गया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के दिग्‍गज नेता और केरल के पूर्व सीएम एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी, बीबीसी की इस डॉक्‍यूमेंटी पर ऐतराज जताने के बाद पार्टी से इस्‍तीफा दे चुके हैं। अनिल एंटनी ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्‍यूमेंट्री को लेकर ऐतराज जताए जाने के बाद उन पर ट्वीट हटाए जाने को लेकर दबाव बनाया गया। इस मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रुख से अलग राय जताते हुए अनिल एंटनी ने ट्वीट में लिखा था, "ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को भारतीय संस्थानों पर तरजीह देना, देश की संप्रभुता को 'कमजोर' करेगा।"

तिरूवनंतपुरम: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के नेता साजी चेरियन ने संविधान के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी को लेकर विवाद पैदा होने पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के करीब छह महीने बाद बुधवार को पिनराई विजयन सरकार में एक बार फिर से मंत्री पद की शपथ ली।

चेरियन को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई, जहां कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ के विधायक माकपा नेता को पुन: मंत्री बनाये जाने के विरोध में अनुपस्थित रहे। शपथ ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, सत्तारूढ़ एलडीएफ के कुछ विधायक और कुछ वामपंथी नेता उपस्थित थे।

कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने साजी चेरियान को फिर से केरल कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने के खिलाफ बुधवार को राजभवन तक मार्च किया। संविधान। विवाद में अदालत से क्लीन चिट मिलने से पहले पार्टी ने चेरियन के शपथ ग्रहण के खिलाफ राज्य भर में विरोध कार्यक्रमों की घोषणा की।

तिरुवनंतपुरम: बढ़ते टकराव के बीच केरल सरकार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को केरल कलामंडलम डीम्ड-टू-विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के पद से हटा दिया है। प्रदेश में सरकार और राज्यपाल के बीच बढ़ते आमना-सामना के बाद आरिफ मोहम्मद खान को चांसलर से हटा दिया गया।

राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह कला और संस्कृति के क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के साथ आरिफ मोहम्मद खान को बदलने के लिए विश्वविद्यालय के नियमों में बदलाव कर रही है।

केरल सरकार की ओर से कहा गया कि राज्यपाल केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के प्रतिनिधि हैं और राज्य के डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) प्रशासन के साथ अपने रोजाना के टकराव के लिए जाने जाते हैं।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के प्रशासन ने कहा है कि वह अब राज्य में विश्वविद्यालयों के शीर्ष पर राज्यपाल नहीं चाहता है। कुलपतियों की नियुक्ति सहित विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर दोनों पक्षों के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा था।

कोच्चि: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को कोच्चि में पत्रकारों के साथ बातचीत से कुछ मीडिया समूहों को बाहर कर दिया और इस फैसले की राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी कांग्रेस ने तीखी आलोचना की। दोनों दलों ने इस कदम को 'फासीवादी' करार दिया। खान ने सोमवार सुबह तब तक मीडिया से बात करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया जब तक कि माकपा नियंत्रित 'कैराली न्यूज' और कोझीकोड के ‘‘मीडिया वन'' के पत्रकारों को वहां से हटा नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से बात करने के लिए खुद को अब और समझाने में सक्षम नहीं हूं जो मीडिया के रूप में वास्तव में पार्टी कैडर हैं। मैं कैराली से कोई बात नहीं करूंगा। अगर कैराली यहां होगा तो मैं चला जाऊंगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि यहां कोई भी मीडिया वन से नहीं है। मैं आपसे (मीडिया वन से) बात नहीं करना चाहता। बाहर निकलो। मैं आपसे बात नहीं करूंगा और मैं कैराली से बात नहीं करूंगा। कृपया... यदि यहां कोई मीडिया वन और कैराली से है तो कृपया यहां से चले जाएं।''

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