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गुवाहाटी: त्रिपुरा के मजलिसपुर में बुधवार को बीजेपी और कांग्रेस के समर्थकों के बीच हुई झड़प में कई लोग घायल हुए हैं। यह झड़प निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के महज आधे घंटे बाद हुई। संघर्ष में घायल हुए लोगों में कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार शामिल हैं, यह झड़प मजलिसपुर निर्वाचन सीट के रानिरबाजार मोहनपुर क्षेत्र में हुई। कांग्रेस विधायक सुदीप राय बर्मन ने दावा किया कि घायल हुए कई पार्टी कार्यकर्ता अभी भी रानिरबाजार पुलिस स्‍टेशन में है। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्‍या में मौजूदगी के चलते इन्‍हें अस्‍पताल नहीं भेजा जा सका है।

उन्‍होंने यह भी आरोप लगाया कि एक मंत्री, विपक्ष पर हमले का नेतृत्‍व कर रहे थे। राय बर्मन ने मांग की कि निर्वाचन आयोग, मजलिसपुर सहित पांच विधानसभा सीटों पर अलग से चुनाव कराए। गौरतलब है कि त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव 16 फरवरी को होंगे त्रिपुरा के साथ नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान भी किया गया है। इन दोनों राज्‍यों में 27 फरवरी को वोटिंग होगी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी मसले पर पुलिस की ओर किसी व्यक्ति को एहतियातन हिरासत में लिए जाने को व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गंभीर हमला बताया है। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एहतियातन हिरासत व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गंभीर हमला है और इसलिए संविधान तथा इस तरह की कार्रवाई को अधिकृत करने वाले कानून में जो सुरक्षा प्रदान किए गए हैं, वे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उनका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने त्रिपुरा सरकार द्वारा 12 नवंबर, 2021 को पारित एहतियातन हिरासत के आदेश रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने इसके साथ ही, गैर-कानूनी तस्करी रोकथाम से संबंधित स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ कानून के तहत अपराधों के एक आरोपी को तत्काल प्रभाव से रिहा करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि एहतियातन हिरासत के उद्देश्य के परिप्रेक्ष्य में हिरासत लेने वाले अधिकारियों के साथ-साथ तामील करने वाले अधिकारियों के लिए सतर्क रहना और अपनी आंखें खुली रखना बहुत जरूरी हो जाता है।

अगरतलाः त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शुक्रवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब उसके एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया। भाजपा विधायक बरबू मोहन त्रिपुरा ने शुक्रवार को शुरू हुए विधानसभा सत्र के पहले ही दिन अपना इस्तीफा दे दिया। वह भगवा पार्टी के चौथे ऐसे विधायक हैं जिन्होंने पिछले साढ़े चार साल में पार्टी छोड़ी है। बरबू मोहन ने करबुक विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर 2018 का विधानसभा चुनाव जीता था।

बरबू मोहन ने स्पीकर रतन चक्रवर्ती को सौंपे गए अपने पत्र में कहा, "मैं 43 (एसटी) कारबुक संविधान सभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं और आपसे मेरा इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं।" शाही वंशज और टीआईपीआरए मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा उनके इस्तीफे के बाद उनके साथ देखे गए। हालांकि बरबू मोहन त्रिपुरा की ओर इस मुद्दे पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन प्रद्योत ने संवाददाताओं से कहा, "मैं उनके साथ एकजुटता दिखाने आया था।

नई दिल्‍ली: त्रिपुरा में भारत-बांग्‍लादेश बॉर्डर पर उग्रवादी गुट के हमले में जहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की मौत हो गई। बीएसएफ सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एक संदिग्‍ध उग्रवादी इस हमले के पीछे है। हमला उत्‍तरी त्रिपुरा में दूरस्‍थ खंगलांग बॉर्डर पोस्‍ट के पास हुआ। यह एरिया त्रिपुरा, मिजोरम और बीएसएफ के बीच ट्राइजंक्‍शन है। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ की एक टीम कंचनपुर अनुमंडल के सीमा-II चौकी इलाके में एक अभियान पर थी, तभी बांग्लादेश की तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण कुमार ने बताया, “भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों के एक समूह ने बांग्लादेश के रंगमती पर्वतीय जिले के जुपुई इलाके से बीएसएफ जवानों पर गोलियां चलाईं। जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।”

उन्होंने कहा, “मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ के एक जवान को चार गोलियां लगीं।” घटनास्थल पर पहुंचे कुमार ने बताया कि बीएसएफ की तरफ से समन्वित जवाबी कार्रवाई के कारण उग्रवादी ज्यादा नुकसान नहीं कर सके।

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