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नई दिल्ली: त्रिपुरा में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है सशस्त्र केंद्रीय पुलिस बल (सीएपीएफ) की दो कंपनियों को जल्द ये जल्द त्रिपुरा भेजा जाय. कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस बावत तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने चुनावों में सीसीटीवी की अनुपस्थिति में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया को बेरोक-टोक चुनाव की कवरेज की इजाजत देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग और अधिकारी इस आदेश का पालन करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निकाय चुनाव शुरू हो चुके हैं, इसलिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए वहां तुरंत केंद्रीय सुरक्षा बल भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिना किसी व्यवधान के वोटिंग सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने डीजीपी, आईजीपी और एमएचए को लगातार हालात की समीक्षा करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि शीर्ष अधिकारी हालात की समीक्षा कर सुझाव देंगे कि क्या वहां और अधिक सुरक्षाबलों की जरूरत है।

अगरतला: त्रिपुरा नगरपालिका चुनाव में वोटिंग जारी है। सुबह से ही लोगों की भीड़ बूथों पर जुटी थी। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे। बता दें कि नगर निकाय चुनावों के लिए पूरे राज्य में 770 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। अगरतला के वार्ड संख्या 20 के एक मतदान केंद्र पर लोगों की भीड़ सुबह से ही जमा थी।

नगरपालिका चुनाव को लेकर ट्विटर पर एक पोस्ट किया है, जिसमें दिख रहा है कि लोग लाइन लगाकर वोट करने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वहीं पहले से आए कुछ लोग अपना वोट डालकर घर जा रहे हैं। हर केंद्र पर वोटिंग के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

 

नई दिल्‍ली (जनादेश ब्यूरो): त्रिपुरा चुनावी हिंसा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार से पूछा है कि क्या भाजपा विधायक ने तालिबान स्टाइल में हिंसा करने का भाषण दिया था? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अगर दिया है तो विधायक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ? सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से चुनाव वाले क्षेत्र में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर भी विचार करने को कहा है। मामले पर अब 3.45 बजे सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान त्रिपुरा की ओर से महेश जेठमलानी ने कहा कि हमें नहीं लगता कि ये हिंसा को उकसाने का भाषण था। विधायक को पूछताछ के लिए बुलाया भी गया है। दूसरी ओर, टीएमसी की तरफ से जयदीप गुप्ता ने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि डर के चलते सीपीएम ने अपने उम्मीदवारी वापस ले ली। अगर हम खड़े नहीं हुए तो वहां कोई विपक्ष नहीं हो्गा।

दरअसल टीएमसी का आरोप है कि 18 अगस्त को त्रिपुरा के भाजपा विधायक अरुण चंद्र भौमिक ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 'तालिबानी स्टाइल' में टीएमसी नेताओं पर हमला करने को कहा था।

अगरतला: त्रिपुरा में बीते दिन गिरफ्तार की गई अभिनेत्री और टीएमसी नेता सायोनी घोष को जमानत मिल गई है। पश्चिम त्रिपुरा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। अगरतला पुलिस ने रविवार को घोष को हत्या के प्रयास और हिंसा उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

अभिषेक बनर्जी बोले- राज्य में विफल रहा तो राजनीति छोड़ दूंगा

वहीं, अगरतला में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा त्रिपुरा में लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं। यदि मतदाता स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं, जिसकी मौजूदा स्थिति को देखते हुए काफी कम संभावना है, तो अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा अपना खाता खोलने में विफल रहेगी।

उन्होंने कहा कि खुले में न आएं। यदि आपको मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए भाजपा का झंडा लेने करने की आवश्यकता है, तो ऐसा करें। अपने आप को गुंडों से बचाने के लिए उनके राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लें, लेकिन विकास समर्थक टीएमसी को वोट दें।

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