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त्रिपुरा: त्रिपुरा में शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव की कार पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कार को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया। इस दौरान सांसद के कार्यक्रम में जुटे प्राइवेट फर्म के कुछ कर्मचारी भी घायल हुए हैं। त्रिपुरा में निकाय चुनावों की तैयारियों में जुटीं टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने इस हमले के पीछे भाजपा का हाथ बताया है। जानकारी के अनुसार हमले के समय सांसद पॉलिटिकल पब्लिक रिलेशन व कंस्लटेंसी फर्म के साथ थीं।

टीएमसी द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अमताली बाजार में करीब 1:30 बजे सुष्मिता देव समेत दस पार्टी कार्यकर्ताओं पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह से हमला किया। हमलावरों ने वाहनों को नुकसान पहुंचाया और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट भी की। आरोप है कि हमलावरों ने महिला कार्यकर्ताओं संग बदसलूकी भी की।

टीएमसी के महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा की बिप्लब देब सरकार में भाजपा विपक्ष पर हमला करने के नए रिकॉर्ड कायम कर रही है।

अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने न्यायपालिका को ही चुनौती दे डाली है। इसका वीडियो भी वायरल हो गया है। मामला शनिवार का बताया जा रहा है।जानकारी के तहत, सीएम बिप्लब कुमार देब त्रिपुरा सिविल सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन के सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे न्यायपालिका से न डरें और काम के आड़े कोर्ट की अवमानना को न आने दें। 

पुलिस हमारे कंट्रोल में, कितने लोग कोर्ट की अवमानना पर जेल गए 
बिप्लब कुमार देब यहां ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में कोर्ट की अवमानना पर कितने लोग जेल गए हैं। कोर्ट अगर हमें पकड़ने के लिए पुलिस भेजेगी तो पुलिस वापस जाकर बताएगी कि आरोपी नहीं मिला। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पुलिस हमारे कंट्रोल में है किसी को डरने की जरूरत नहीं है। आगे बोले कि कोर्ट की अवमानन को टाइगर की तरह माना जाता है। लेकिन यहां मैं टाइगर हूं। मेरे हाथ में पॉवर है। अगर किसी को जेल जाना होगा तो सबसे पहले मैं जाऊंगा। 

अगरतला: त्रिपुरा में भाजपा और सीपीआई (एम) के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों पार्टियों के कुछ कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। खबरों के मुताबिक, गोमती जिले के उदयपुर शहर में सीपीएम यूथ विंग फेडरेशन ने रैली निकाली थी। इस दौरान कुछ भाजपा के कार्यकर्ता वहां से गुजरे जिन पर सीपीआई के लोगों ने हमला कर दिया। 

पुलिस ने बताया कि भाजपा का एक समूह वहां मौजूद था, इसके बाद दोनों में जमकर मारपीट हुई और कुछ कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। लेकिन यह झड़प यहीं नहीं रुकी इसके बाद और जिलों में भी तोड़फोड़ की गई। अगरतला, बिशालगढ़ और कैथला में और सीपीएम के कार्यालय को आग लगा दी गई और जमकर तोड़फोड़ की गई।

भाजपा और सीपीआई के बीच हिंसा का मामला सोमवार से जारी है। खबरों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री मानिक सरकार धानपुर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे जहां भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और इस दौरान सीपीएम और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी।

अगरतला: पश्चिम बंगाल के बाद अब त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है। हाल ही में हुई राजनीतिक हिंसा की घटनाओं को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच त्रिपुरा पुलिस ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी समेत तृणमूल नेताओं डोला सेन, ब्रत्य बसु, कुणाल घोष, सुबल भौमिक और श्रीप्रकाश दास के खिलाफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन पर अतिरिक्त एसपी और एसडीपीओ खोवाई के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने और उनकी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का आरोप है।

पुलिस की ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का आरोप
प्राथमिकी में कहा गया है कि रविवार सुबह 14 तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद मंत्री ब्रत्य बसु और सांसद डोला सेन के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक समूह खोवाई थाने पहुंचा। इसके तुरंत बाद ही अभिषेक बनर्जी भी थाने पहुंच गए। टीएमसी नेताओं ने एडिशनल एसपी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया।

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