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नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक क्षेत्र में जारी उथल-पुथल है। इसमें अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि तथा चीन में नरमी है और यह जोखिम पिछले एक साल से बढ़ा है। मूडीज ने सोमवार को एक सर्वे में यह बात कही। बाजार से जुड़े लोगों एवं निवेशकों के बीच किये गये सर्वे के अनुसार करीब 75 प्रतिशत ने माना कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले 12 से 18 महीने में 6.5 से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहने की संभावना है। यह तथ्य 110 बाजार प्रतिभागियों के बीच किये गये सर्वे पर आधारित है। इसमें भारत के कुछ बड़े निवेशक शामिल हैं। यह सर्वें मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने इस महीने की शुरुआत में किया। सर्वे में 35 प्रतिशत लोगों ने माना कि वैश्विक स्तर पर उठा-पटक अर्थव्यवस्था के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। जबकि, पिछले साल मई में किये गये इसी प्रकार के सर्वे में 10 प्रतिशत लोगों ने ऐसी राय जाहिर की थी।
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नई दिल्ली: जोमाटो, क्लियरट्रिप, पेटीएम सहित सैकड़ों स्टार्ट अप्स और उनके कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेट न्यूट्रैलिटी (निरपेक्षता) का बचाव करने को कहा है। उन्होंने इसे इंटरनेट पर सामग्री तक बिना किसी पक्षपात के पहुंच के रूप में परिभाषित किया है। मोदी की नीतियों की तारीफ की प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्टार्ट अप्स ने कहा है, 'हम आपसे आग्रह करते हैं कि हाल में घोषित स्टार्ट अप इंडिया पहल को सुनिश्चित करें और नेट निरपेक्षता पर चिंता को दूर करें। इसके स्पष्ट रूप से परिभाषित नीति और मजबूत नियमों की जरूरत है।' स्टार्ट अप्स ने मोदी सरकार की पहल विशेषरूप डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और कारोबार सुगमता की सराहना की है।
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नई दिल्ली: रसोई गैस या एलपीजी सिलिंडर की बुकिंग के वक्त ही अब उपभोक्ता उसके लिए ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस सुविधा की शुरूआत की। प्रधान ने ट्वीट किया , ‘ उपभोक्ताओं की सुविधा, पारदर्शिता और कैशलेस लेन देन के उद्देश्य से रसोई गैस (एलपीजी) रीफिल के लिए अब ‘ऑनलाइन भुगतान सेवा’ शुरू की गई है। ’ इससे पहले रसोई गैस ऑनलाइन बुक कराने की सुविधा तेल विपणन कंपनियों .. इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के लिए ही थी और उपभोक्ताओं को दुकान पर या सिलिंडर की आपूर्ति होने पर नगद भुगतान करना पड़ता था
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दावोस: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निजी क्षेत्र से झिझक छोड़ने तथा निवेश बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता बढ़ाने की बेहद जरूरत है क्यों कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में संकट के बीच दुनिया भारत को आशा की किरण के रूप में देख रही है। जेटली ने कहा, ‘दुनिया भारत को एक आशा की किरण के रूप में देखती है, क्योंकि सिर्फ हम ही ऐसे हैं जो सात प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं और भारत की ओर सकारात्मक तरीके से देख रहे हैं।’ जेटली यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में शामिल होने आए थे। यह बैठक कल रात संपन्न हो गई। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को सतर्कता छोड़कर निवेश करना चाहिए।
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