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उज्जैन: बॉलीवुड एक्टर प्रभास और कृति सेनन की मेगा बजट फिल्म आदिपुरुष सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। इसके रिलीज होते ही लोगों की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई है। कई लोगों को फिल्म के डायलॉग और सीन को लेकर आपत्ति है। इसी कड़ी में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के संतों ने भी फिल्म पर नाराजगी जाहिर की है।

उन्होंने बाकायदा वीडियो जारी कर कहा है कि फिल्म में आवरण और आचरण हमारे ग्रंथों के अनुसार नहीं हैं। जो फिल्मकार पैसा कमाने के उद्देश्य से फिल्म बना रहे हैं और हिंदुओं को भावनाओं को बार-बार आहत कर रहे हैं वे सुधर जाएं।

संतों ने सेंसर बोर्ड को लेकर भी तंज कसा है। संतों ने कहा है कि हिंदू धर्म की फिल्मों पर सेंसर बोर्ड की कैंची बगल में रख दी जाती है, जबकि अन्य धर्मों की फिल्मों में अगर छेड़छाड़ हो जाए तो तत्काल दृश्य काट दिए जाते हैं। संतों ने सेंसर बोर्ड में सलाहकार नियुक्त करने की मांग की है। महामंडलेश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के स्वामी शैलेशानंद गिरी ने कहा कि आज के आधुनिक युग में हर क्रिया, वस्तु, मंदिर को उत्पाद माना जाने लगा है।

उन्होंने कहा, उपार्जन के लिए उसका उपयोग किया जा रहा है। श्री और श्रेय साथ होंगे तभी श्रेष्ठ बनेंगे। किसी भी प्रकार से समाज में विवाद उत्पन्न करके आपको धन तो मिल जाएगा, लेकिन श्रेय नहीं मिलेगा।

आवरण और आचरण दोनों में मिलावटः स्वामी शैलेशानंद

उन्होंने कहा कि आदिपुरुष के आवरण और आचरण दोनों में मिलावट की गई है। हमारे ग्रंथों में प्रभु श्रीराम, मां सीता की वेशभूषा के बारे में एकदम स्पष्ट है कि उनका आवरण व आचरण कैसा था। सेंसर बोर्ड की कैंची सिर्फ हिन्दू धर्म पर ही चलती है, बाकी धर्मों की बात पर क्या होता है तुरंत आपत्ति दर्ज हो जाती है। उसे कैंसिल कर दिया जाता है। ये विचित्र बात है। सेंसर बोर्ड के पैनल में साधु-संतों का एक सलाहकार नियुक्त होना चाहिए।

फिल्मकार पैसा कमाने के लिए फिल्में बना रहे हैं

क्रांतिकारी संत अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि ये घोर आश्चर्य का विषय है कि भारतीय फिल्मकार पैसा कमाने के लिए फिल्में बना रहे हैं। फिल्म आदिपुरुष में जगतजननी मां सीता को अलग ही तरीके से दर्शाया गया है। इससे जो हिन्दू फिल्म देखेगा उसकी भावनाएं आहत होंगी। भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, मां सीता शालीनता भक्ति का मर्यादा का स्वरूप हैं। उनके इतने पवित्र चरित्र को इस प्रकार से अश्लीलता के साथ परोसा जाएगा तो हमारी धर्म-संस्कृति का क्या होगा। फिल्मकार इस प्रकार का दुस्साहस करना बंद कर दें। यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है।

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