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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारियों पर केंद्रीय सर्विस नियम लागू करने के एलान के बाद से सियासत गरमाई हुई है। इस फैसले का सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और अन्य दलों ने निंदा की है। कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, ‘चंडीगढ़ पर नियंत्रण और पंजाब के अधिकारों को हड़पने के भाजपा के तानाशाही फैसले की हम कड़ी निंदा करते हैं।'' हालांकि, मुख्यमंत्री भगवंत मान या उनके मंत्रियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन के कर्मचारियों की सेवा शर्तें अब केंद्रीय सिविल सेवाओं के अनुरूप होंगी और इसका उन्हें ‘‘बड़े पैमाने'' पर फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि महिला कर्मचारियों को शिशु की देखभाल के लिए मौजूदा एक साल के अवकाश की जगह अब दो साल का अवकाश मिलेगा। इस मामले पर आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, '2017 से 2022 तक कांग्रेस ने पंजाब पर शासन किया।

चंडीगढ़: बिजली विभाग के कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल के कारण चंडीगढ़ के कई हिस्सों में 36 घंटे से बिजली नहीं है। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बिजली न होने से पानी की किल्लत का सामना भी करना पड़ रहा है। सोमवार शाम से हजारों घरों में बिजली-पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। यहां तक की कई शहरों के इलाकों में ट्रैफिक लाइटें तक काम नहीं कर रही हैं। इतना ही नहीं बिजली नहीं होने के चलते सरकारी अस्पतालों ने सर्जरियों को भी रोक दिया है।

चंडीगढ़ स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ सुमन सिंह ने मीडिया से कहा कि "हमारे पास जनरेटर हैं। लेकिन आप एक जनरेटर पर अस्पताल का 100 प्रतिशत भार नहीं डाल सकते हैं। इसलिए, हमें अपनी नियोजित सर्जरी को पुनर्निर्धारित या स्थगित करना पड़ा।"

इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं और कोचिंग संस्थान भी बंद कर दिए गए हैं। बिजली नहीं होने के चलते छात्र पढ़ाई तक नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने बिजली आपूर्ति बनाए रखने की व्यवस्था की थी।

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा को शनिवार को चंडीगढ़ में संजीवनी मिली। चंडीगढ़ मेयर पद चुनाव में भाजपा की सरबजीत कौर जीत गईं। 14 मतों के साथ वे चंडीगढ़ नगर निगम की नई मेयर चुनी गईं। इससे पहले आम आदमी पार्टी के एक वोट को खारिज कर दिया गया जिसके बाद आम आदमी पार्टी के सांसदों ने हंगामा कर दिया।

नारेबाजी करते हुए पार्षद मेयर की कुर्सी के पीछे खड़े हो गए। मेयर सरबजीत कौर ने अपना भाषण शुरू किया तो नाराज आप पार्षदों ने उनके माइक की तार निकाल दी। नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। इसके बाद सदन में पुलिस बुला ली गई। पुलिस ने आप पार्षदों को मेयर की कुर्सी के पास से हटाया। चुनाव में वोट डालने के लिए कांग्रेस के 7 और अकाली दल का एक पार्षद नहीं पहुंचा।

वोटिंग की शुरुआत से पहले आम आदमी पार्टी ने किरण खेर के वोट करने के मुद्दे पर सवाल उठाए। आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह दिखाया जाए कि किस एक्ट में लिखा है कि मेयर चुनाव में सांसद वोट कर सकते हैं। इस पर नगर निगम के सचिव ने कहा कि सांसद शुरू से वोट देते हैं।

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं। 35 में से 29 वार्डों पर परिणाम घोषित हो चुके हैं। अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस के किलों को भेदकर 13 वार्डों में जीत हासिल कर ली है। जबकि भाजपा और कांग्रेस ने अभी क्रमश: 12 और 8 वार्ड जीते हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम मेयर चुनाव का है। भाजपा प्रत्याशी और सिटिंग मेयर रविकांत शर्मा को आप प्रत्याशी ने हरा दिया है। मनीष सिसोदिया ने चुनाव परिणामों पर खुशी जताई है।

चंडीगढ़ नगर निगम के 35 वार्डों पर सुबह नौ बजे से काउंटिंग चल रही है। राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 14 वार्डों में जीत हासिल की है। वहीं, भाजपा ने अभी तक 12 वार्ड जीते हैं, जबकि कांग्रेस ने 8 वार्ड जीते और एक वार्ड अकाली दल के खाते में गया है। अकाली दल अभी खाता खोलने के लिए संघर्ष कर रही है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम मेयर चुनाव को लेकर है। भाजपा प्रत्याशी और निवर्तमान मेयर रविकांत शर्मा चुनाव हार गए हैं। उन्हें आप प्रत्याशी ने हराया।

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