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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को आज (गुरूवार) अनंतनाग जिले के उनके पुश्तैनी कस्बे बिजबेहरा स्थित कब्रस्तान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। आज तड़के दिल्ली के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया था। सईद का पार्थिव शरीर आज श्रीनगर में गुपकर रोड स्थित उनके आवास पर ले आया गया और इस दौरान पीडीपी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने अपने नेता को याद करते हुए नारेबाजी की। मुफ्ती ने 1999 में पीडीपी का गठन किया था। सईद का पार्थिव शरीर वाला ताबूत तिरंगे और जम्मू-कश्मीर के ध्वज से लिपटा हुआ था। बाद में उनका पार्थिव शरीर अनंतनाग स्थित उनके पुश्तैनी कस्बे ले जाया गया। सईद के जनाजे में शामिल हुए लोगों में उनके निकट के रिश्तेदार और पीडीपी के वरिष्ठ नेता थे। उनके जनाजे की नमाज यहां सोनवार स्थित शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में पढ़ी गई। अपने नेता को आखिरी विदाई देने के लिए कश्मीर घाटी के अलग अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद भी उनके जनाजे की नमाज में शामिल हुए। सईद के निकट सहयोगी और राज्य के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने उनकी जनाजे की नमाज पढ़ाई। जनाजे की नमाज के बाद सईद को 21 तोपों की सलामी दी गई और पुलिस के बैंड ने मातमी धुन बजाई। पुलिस के वाहन पर जब उनके पार्थिव शरीर वाला ताबूत रखा गया और वाहन आगे बढ़ा तो मानो पूरा शहर सड़कों पर आया गया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राज्य के राज्यपाल एन एन वोहरा ने सईद के आवास पर पहुंचकर शोक-संतप्त परिवार को सांत्वना दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह शोक संतप्त परिजनों एवं राज्य के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के साथ पार्थिव शरीर को लेकर श्रीनगर पहुंचे।’’ मुफ्ती ने गुरुवार सुबह देश की राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आखिरी सांस ली। उन्हें सीने के संक्रमण की वजह से 24 दिसंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था। मुफ्ती जम्मू एवं कश्मीर के ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री हैं, जिनका पद पर रहते हुए निधन हुआ। ऐसे दो अन्य मुख्यमंत्री जी.एम. सादिक (1971) एवं शेख अब्दुल्ला (1982) थे।सईद के सम्मान में जम्मू-कश्मीर की सरकार ने आज की छुटटी और सात दिन के शोक की घोषणा की है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि संवैधानिक प्राधिकरणों और राज्य सरकार की इमारतों पर लगे झंडों को शोक अवधि के दौरान आधा झुका दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इसी बीच पूरे कश्मीर विश्वविद्यालय और स्कूली शिक्षा बोर्ड (बीओएसई) ने आज होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निधन के कारण कश्मीर विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। जल्द ही परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा की जाएगी।

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