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रांची: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन कैबिनेट के नए सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रांची राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में सबसे पहले रामेश्वर उरांव ने शपथ ली। इसके बाद दीपक बिरुवा, बन्ना गुप्ता, बादल, मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, हफीजुल हसन अंसारी और बेबी देवी को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।

शपथ लेने वालों में से एक बसंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं। हेमंत कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

झारखंड के 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में जिन नए चेहरों को शामिल किया गया है, उनमें झामुमो के चाईबासा से विधायक दीपक बिरुआ और दुमका से बसंत सोरेन हैं। बसंत सोरेन नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव में दुमका सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लुइस मरांडी को 6,842 मतों से हराकर विधायक निर्वाचित हुए थे।

झारखंड विधानसभा के लिए 2019 में हुए चुनाव में बिरुआ ने चाईबासा सीट पर भाजपा के जे बी तुबिद को 26 हजार से अधिक मतों से हराया था। हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल रहे और अब चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल में भी शामिल किये गये नेताओं में झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर, हफीजुल हसन और बेबी देवी के अलावा कांग्रेस के रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख शामिल हैं।

शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा, ‘‘विभागों का आवंटन आज कर दिया जाएगा. सभी मंत्रियों को जिम्मेदारी देने के बाद हम झारखंड के विकास कार्य को आगे ले जाएंगे।''

चंपाई सोरेन कैबिनेट विस्तार की सबसे बड़ी बात ये रही कि इस बार भी सिर्फ 11 मंत्री को ही पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई है। इससे पहले वर्ष 2014 में बीजेपी नेतृत्व वाली रघुवर दास सरकार ने अपने पांच वर्षों का कार्यकाल 11 मंत्री के साथ ही पूरा किया था, जबकि हेमंत सोरेन ने भी अपने चार साल से अधिक का कार्यकाल 11 मंत्री के साथ ही पूरा किया।

इससे पहले दो फरवरी को 67 वर्षीय चंपाई सोरेन ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।

राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के 47 विधायक हैं। इनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राजद का एक विधायक है।

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 26 और ऑल झारखंड स्टुडेंट्स यूनियन पार्टी (आजसू) के तीन विधायक हैं। इनके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के एक-एक विधायक और दो निर्दलीय विधायक हैं. एक मनोनीत सदस्य भी है।

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