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चुराचांदपुर: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में आज हलचल देखने को मिल सकती है। यहां ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम' (आईटीएलएफ) ने एक वीडियो में कथित तौर पर हथियारबंद लोगों के साथ दिखे एक पुलिस हेड कांस्टेबल के निलंबन को लेकर चुराचांदपुर जिले में सरकारी कर्मचारियों से आज काम पर नहीं जाने का आग्रह किया है। आईटीएलएफ के इस कदम के बाद राज्य के गृह विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि अगर किसी कर्मचारी ने अनधिकृत छुट्टियां लीं, तो उसका वेतन काट लिया जाएगा।

आदिवासी संगठन ने हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल के निलंबन को रद्द करने और पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे व उपायुक्त धरुण कुमार को तत्काल बदलने की मांग की है। हेड कांस्टेबल के 15 फरवरी को निलंबन के कुछ घंटों बाद ही चुराचांदपुर में भीड़ ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) और उपायुक्त (डीसी) कार्यालयों वाले सरकारी परिसर में घुसकर वाहनों को आग लगा दी थी और सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम दो लोगों की मौत हो गयी थी और 30 अन्य घायल हुए।

आदिवासी संगठन सलाह... ऑफिस जाने से करें परहेज

आदिवासी संगठन ने एक बयान में कहा, "हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल के निलंबन का आदेश रद्द करने और चुराचांदपुर के एसपी और डीसी को बदलने के आईटीएलएफ के ‘अल्टीमेटम' को 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।" बयान के मुताबिक, "राज्य सरकार के कर्मचारियों को कार्यालय जाने से परहेज करना चाहिए...अगर कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।"

उधर, गृह विभाग के प्रमुख सचिव विनीत जोशी ने एक आदेश में कहा है कि राज्य सरकार के सभी कार्यालयों या संस्थानों द्वारा उन कर्मचारियों का वेतन काट लिया जाएगा जो अधिकृत अवकाश के बिना अपनी आधिकारिक ड्यूटी पर नहीं आएंगे। साथ ही कर्मचारियों पर केस करने की भी चेतावनी दी है। ऐसे में अब देखना है कि सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले लोग क्‍या करते हैं? इधर, आदिवासी संगठन ने पहले ही किसी इशारों ही इशारों में विरोध प्रदर्शन के उग्र होने की चेतावनी दे दी है।

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