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नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के एक परमाणु परीक्षण करने की खबरों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने इसे गहन चिंता का विषय बताया और पूर्वोत्तर एशिया तथा अपने पड़ोस के बीच परमाणु प्रसार संबंधों को लेकर चिंता जताई। जाहिर तौर पर पड़ोस से आशय पाकिस्तान से है। भारत ने डेमोक्रेेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया :डीपीआरके: से इस तरह की कार्रवाइयों से बचने का आग्रह किया जिनसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर प्रतिकूल असर पड़ता हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘‘हमने खबरें देखी हैं कि डीपीआरके ने आज एक परमाणु परीक्षण किया। हम उपलब्ध जानकारी प्राप्त कर रहे हैं जिनमें ये दावे भी हैं कि यह एक थर्मोन्यूक्लियर परीक्षण है।

उन्होंने कहा, ‘‘गहरी चिंता की बात है कि डीपीआरके ने एक बार फिर इस संबंध में अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करते हुए काम किया है। हम डीपीआरके से अनुरोध करते हैं कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर प्रतिकूल असर डालने वाली इस तरह की कार्रवाइयों से बचें। पूर्वोत्तर एशिया और हमारे पड़ोस के बीच परमाणु प्रसार के बारे में हमारी चिंताएं भलीभांति ज्ञात हैं।’’ खबरों के अनुसार उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियारों के लिहाज से उच्च संवर्धित यूरेनियम के लिए जरूरी ‘गैस सेंट्रीफ्यूजिस और अधिकतर मशीनरी के लिए कई डिजाइनें’ पाकिस्तान से प्राप्त की हंै, जिसके बदले में उत्तर कोरिया ने उसे बैलिस्टिक मिसाइलों के कलपुर्जे दिये हैं। उत्तर कोरिया ने आज पहले कहा था कि उसने हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया है। नॉर्थ कोरियन सरकारी टेलीविजन ने घोषणा की, ‘‘गणराज्य के पहले हाइड्रोजन बम का सुबह 10 बजे सफल परीक्षण किया गया।’’ अमेरिका, चीन और जापान समेत सभी प्रमुख देशों ने तत्काल इस घटनाक्रम की आलोचना की। यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी निंदा की।

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