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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्र सरकार ने लिथियम, कोबाल्ट और टाइटेनियम जैसे खनिजों के संभावित सप्लाई चेन की कमजोरियों को दूर करने के लिए क्रिटिकल मिनरल्स की नीलामी का पहला दौर बुधवार (29 नवंबर) से शुरू किया है। सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि कुल 20 ब्लॉक नीलामी के लिए रखे गए हैं। उनकी कंबाइंड वैल्यू 45000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इस नीलामी में लिथियम और ग्रेफाइट जैसे मिनरल्स के लिए बोली मंगाई गई है।

महत्वपूर्ण और रणनीतिक लिहाज से खास खनिजों के ये 20 ब्लॉक उत्तर प्रदेश, गुजरात, झारखंड, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में स्थित हैं। उनमें से 16 के लिए के लिए कंपोजिट लाइसेंस (समग्र लाइसेंस) जारी किए जाएंगे। बाकी 4 ब्लॉक के लिए माइनिंग लाइसेंस दिए जाएंगे। कंपोजिट लाइसेंस के तहत एक्सप्लोरेशन यानि अन्वेषण की परमिशन है।

ब्लॉक की नीलामी में बोली लगाने वाले लोगों का सिलेक्शन उनके गिए गए रॉयल्टी रेट उच्चतम प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा। टेंडर डॉक्यूमेंट्स की सेल बुधवार से ही शुरू हो गई।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने संभावित बोली लगाने वालों को अप्लाई करने के लिए प्रोत्साहित किया।

खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम को अगस्त में संशोधित किया गया था। 24 खनिजों को महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के रूप में अधिसूचित किया गया।

सरकार के मुताबिक, ये नीलामी महत्वपूर्ण है। क्योंकि खनिज देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। लिथियम, लिथियम-आयन बैटरियों में एक कोर कंपोनेंट हैं, जो न सिर्फ मोबाइल कम्युनिकेशन बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की भी रीढ़ है। इन्हें ट्रांसपोर्टेशन का भविष्य माना जाता है। जब सूरज नहीं चमक रहा हो, तब उत्पादित बिजली के इस्तेमाल को लेकर इसे स्टोर करने के लिए सौर ऊर्जा को व्यापक रूप से अपनाने में बैटरियां भी भूमिका निभाएंगी।

भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों (नॉन-फॉसिल सोर्सेज) से 50% कम्युलेटिव इलेक्ट्रिक पावर इंस्टॉल करने की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने में लिथियम और ऐसे अन्य खनिजों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कोबाल्ट का इस्तेमाल स्टोरेज में भी होता है। टाइटेनियम का व्यापक रूप से इस्तेमाल डिफेंस इंडस्ट्री में किया जाता है।

अधिकारियों ने कहा कि इन खनिजों की उपलब्धता की कमी या कुछ देशों में उनके एक्सट्रैक्शन (निष्कर्षण) या प्रोसेसिंग से सप्लाई सीरीज में कमजोरियां हो सकती हैं। भविष्य की टेक्नोलॉजी लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और अन्य दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर भी निर्भर होंगी। अन्य प्रमुख उद्योग जो इन खनिजों पर निर्भर हैं, उनमें कृषि और फार्मास्युटिकल प्रोडक्शन भी शामिल है।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा, "हमने नीलामी के लिए कुल 100 ब्लॉकों की पहचान की है। इनमें से 20 को पहले दौर में पेश किया जा रहा है। बाकी के लिए नीलामी उचित समय पर होगी।"

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