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नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को नई सौगात दे रहे हैं। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की नई इंटीग्रेटेड टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन किया। शंख के आकार का ये भवन करीब 710 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। नया टर्मिनल भवन सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि ज्यादा फ्लाइट्स और ज्यादा पर्यटक आने का सीधा मतलब है ज्यादा से ज्यादा रोजगार। पोर्ट ब्लेयर की इस नई टर्मिनल बिल्डिंग से ईज और ट्रैवल बढ़ेगा। ईज ऑफ डूइंड बिजनेस बढ़ेगा और कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। साथ ही पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके चेहरे के पीछे कई चेहरे हैं. ये जातिवाद, भ्रष्‍टाचार की दुकान खोलकर बैठे हैं। विपक्ष का लक्ष्‍य सबसे पहले परिवार है। इनका एक ही एजेंडा परिवार बचाओ है। आजकल वे बेंगलुरु में जुटे हैं. वे घोटालों पर चुप हो जाते हैं। वे भ्रष्‍टाचार की गांरटी देते हैं।

विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे, जिसमें इनका खुद का भला हो, इनके परिवार का भला हो। नतीजा ये हुआ कि हमारे आदिवासी क्षेत्रों और द्वीपों की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही। लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ बड़े शहरों और कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा. कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण विकास का लाभ देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं। हम से पहले की सरकार के 9 साल में अंडमान निकोबार को करीब 23,000 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया गया था, जबकि हमारी सरकार के दौरान अंडमान निकोबार के विकास के लिए 9 वर्षों में करीब 48 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।"

उन्‍होंने कहा, "पिछली सरकार में अंडमान निकोबार में करीब 28 हजार घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया था। हमारी सरकार में यहां के करीब 50 हजार घरों में पानी का कनेक्शन पहुंचाया गया है। मेरा सौभाग्य है कि वर्ष 2018 में मैंने अंडमान में उसी स्थान पर तिरंगा लहराया जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने झंडा फहराया था। ये हमारी ही सरकार है जिसने रॉस आइलैंड को नेताजी सुभाष का नाम दिया। ये हमारी ही सरकार है जिसने हेवलॉक और नील आइलैंड को स्वराज और शहीद आइलैंड का नाम दिया है। आजादी के 75 वर्षों में हमारा भारत कहीं से कहीं पहुंच सकता था। हम भारतीयों के सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है, लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया।"

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यहां के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नये एकीकृत टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस टर्मिनल के बन जाने से अंडमान और निकोबार द्वीप की यात्रा सुगम हो जाएगी और विशेष रूप से इस क्षेत्र में पर्यटन को काफी बढावा मिलेगा। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने परिसर में वी डी सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया और प्रतिष्ठान का दौरा किया। उनके साथ केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह भी थे।

नये टर्मिनल भवन का निर्माण लगभग सात सौ दस करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह टर्मिनल अंडमान और निकोबार के संपर्क को बढ़ावा देने में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह टर्मिनल लगभग 40 हजार आठ सौ वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। नये टर्मिनल भवन में सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों के प्रबंधन की क्षमता है। एप्रोन अनुकूल दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 श्रेणी के विमान हवाई अड्डे पर 80 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किए गए हैं। इस तरह इस हवाई अड्डे में एक बार में 10 विमान को पार्किंग की सुविधा मिलेगी।

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