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पोर्ट ब्लेयर: अंडमान के हेवलॉक और नील द्वीपों में तूफानी मौसम की वजह से तकरीबन 1400 सैलानी फंस गए हैं। उन्हें निकालने के लिए नौसेना ने बुधवार को चार पोतों को लगाया है। पोर्ट ब्लेयर से लगभग 40 किलोमीटर दूर इन दोनों द्वीपों को तूफानी मौसम ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। इस की वजह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में गहरा दबाव बना गया है जिस कारण से भारी बारिश, तेज हवाएं चल रही हैं और समुद्र अशांत हो गया है। प्रशासन पहले ही तूफानी मौसम को एल1 आपदा के तौर पर की घोषित कर चुका है। अंडमान में नील और हेवलॉक बेहद लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थल हैं और सैलानियों को वहां से लाने के माध्यम पोत या हेलीकॉप्टर है जिन्होंने सोमवार रात से खराब मौसम की वजह से अभियान को रोक दिया है। दक्षिण अंडमान के उपायुक्त उदित प्रकाश राय ने कहा कि द्वीपों पर आए तकरीबन 1400 पर्यटक फंस गए हैं और अपने घर वापस जाने के लिए पोर्ट ब्लेयर आने में असमर्थ हैं। हेवलॉक और नील द्वीपों की स्थानीय आबादी तूफान से बुरी तरह से प्रभावित हुई है जिसने जरूरी चीजों की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर दी है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय नौसेना के पोत बित्रा, बंगारम, कुंभीर एलसीयू 38 को तैनात किया गया है। निकालने का काम मौसम की प्रतिकूल स्थितियों की वजह से अभी शुरू नहीं किया जा सका है। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि पोत बंदरगाह के बाहर इंतजार कर रहे हैं।

पर्याप्त खाना, पानी, दवाएं और डॉक्टरों के साथ ही गोताखोरों और स्थानीय प्रशासन के कर्मचारियों को पोत पर लाया जा रहा है ताकि राहत मुहैया कराई जा सके। अंडमान प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि तूफानी मौसम ने पेड़ों को गिरा दिया है, बिजली आपूर्ति बाधित की है और पोर्ट ब्लेयर के कुछ निचले इलाकों में बाढ़ ला दी है। कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट संपर्क भी टूट गया है। अधिकारी ने कहा कि बहरहाल, घबराने का कोई कारण नहीं है। प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। राजनिवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें उपराज्यपाल जगदीश मुखी ने स्थिति और प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत अभियानों की समीक्षा की। उन्होंने सभी महकमों को वक्त पर प्रतिक्रिया देने और समन्वय करने के निर्देश दिए ताकि लोगों तक तेजी से राहत पहुंच सके। पर्यटन विभाग ने भी पोर्ट ब्लेयर, हेवलॉक और नील द्वीपों पर सहायता डेस्क स्थापित की हैं।

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