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नई दिल्ली: अरूणाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कोई रूकावट नहीं खड़ा करने के बीच केंद्रीय कैबिनेट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश राष्ट्रपति से की है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। कांग्रेस के असंतुष्ट नेता कलिखो पुल के नेतृत्व में 31 विधायकों ने मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी और अगली सरकार के गठन का दावा पेश किया था। राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन है। उनके साथ कांग्रेस के 19 और भाजपा के 11 विधायकों के अलावा दो निर्दलीय सदस्य भी थे। इसके बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अनुरोध किया था कि राज्य में नई सरकार के गठन की अनुमति नहीं दी जाए और यथास्थिति कायम रखी जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के इस अनुरोध पर कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया कि राज्यपाल को अरूणाचल में नई सरकार को शपथ दिलाने से रोका जाए।

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के बर्खास्त मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने आज (रविवार) आरोप लगाया कि केंद्र असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों और भाजपा के साथ मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए सरकार बनाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी कदम पूरी तरह से असंवैधानिक होगा। उन्होंने दलील दी कि यह कानून का उल्लंघन होगा, क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने चेताया कि अरुणाचल प्रदेश में अगर ‘खिचड़ी’ सरकार का गठन किया जाता है, तो इससे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और कानून व्यवस्था की समस्या हो जाएगी। तुकी ने बताया, ‘मुझे मालूम पड़ा है कि सभी असंतुष्ट विधायकों और भाजपा विधायकों को एक चार्टड विमान से पहले असम ले जाया गया फिर वहां से हेलीकॉप्टर में ईटानगर।’ उन्होंने कहा, ‘विधायकों को ईटानगर में दो होटलों में ठहराया गया है और वे कालीखो पुल के नेतृत्व में सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से मिलने का इंतजार कर रहे हैं।’

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