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विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश में अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में आंध्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख वाईएस शर्मिला रेड्डी (सीएम जगनमोहन की बहन) को अपने पार्टी कार्यालय में ही रात बितानी पड़ी। शर्मिला को यह कदम नजरबंदी से बचने के लिए उठाना पड़ा।

दरअसल, उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस ने 'चलो सचिवालय' विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है, जिसके चलते खुद को हाउस अरेस्ट से बचाने के लिए उन्हें पार्टी कार्यालय में रुकना पड़ा।

सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

राज्य सरकार से बेरोजगार युवाओं और छात्रों की समस्याओं का समाधान करने की मांग करते हुए, कांग्रेस ने 'चलो सचिवालय' विरोध का आह्वान किया है। विजयवाड़ा में आंध्र रत्न भवन में मीडिया से बात करते हुए वाईएस शर्मिला ने कहा कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पिछले पांच वर्षों में युवाओं, बेरोजगारों और छात्रों की महत्वपूर्ण समस्याओं का हल निकालने में पूरी तरह से विफल रहे हैं।

क्या हमें विरोध करने का अधिकार नहींः शर्मिला

अगर हम बेरोजगारों की ओर से विरोध का आह्वान करते हैं, तो क्या आप हमें घर में नजरबंद रखने की कोशिश करेंगे? क्या हमें लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार नहीं है? क्या यह शर्मनाक नहीं है कि एक महिला होने के नाते मुझे पुलिस और नजरबंदी से बचने के लिए कांग्रेस पार्टी कार्यालय में रात बितानी पड़े?

सरकार हमसे डर रही

शर्मिला ने आगे राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, क्या हम आतंकवादी हैं...या असामाजिक ताकतें हैं? वे हमें रोकने की कोशिश कर रहे हैं... इसका मतलब है कि वे (सरकार) हमसे डरते हैं। वे अपनी अक्षमता, वास्तविक सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। भले ही वे हमें रोकने की कोशिश करें, हमारे कार्यकर्ताओं को रोकें, बेरोजगारों की ओर से हमारा संघर्ष नहीं रुकेगा।

एक पोस्ट में नवनिर्वाचित आंध्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम जगनमोहन पर हमला करते हुए कहा कि हमारे चारों ओर हजारों पुलिसकर्मी लगाए गए थे। लोहे की बाड़ लगा दी गई है। अगर हम बेरोजगारों के पक्ष में खड़े हैं, तो वे हमें गिरफ्तार कर रहे हैं। आप तानाशाह हैं जो हमें रोकने की कोशिश कर रहे हैं। आपके कार्य ही इसका प्रमाण हैं।

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