ताज़ा खबरें

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) (एमएलजेके-एमए) को बुधवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एमएलजेके-एमए पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

शाह बोले- इस्‍लामी राज के लिए उकसाते हैं

शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।"

इसके साथ गृह मंत्री ने कहा कि भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा।"

अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन "भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार" के लिए जाना जाता है। साथ ही इसमें कहा गया कि इसके नेता गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए "पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहित" विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने में शामिल हैं। अधिसूचना में कहा गया कि संगठन के सदस्य अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और देश की संवैधानिक सत्ता के प्रति घोर असम्‍मान दिखाते हैं।

अधिसूचना में मसर्रत आलम को लेकर क्‍या कहा गया?

अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन के नेता विशेष रूप से इसके अध्यक्ष मसरत आलम देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख