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जम्मू: जम्मू कश्मीर में सेना के दो वाहनों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पकड़ने के लिये बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है। इस हमले में पांच सैनिक शहीद हो गये थे। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन तीन लोगों के परिजनों को शनिवार को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की, जो पुंछ जिले में मृत पाए गए थे। पुंछ जिले में 27 से 42 वर्ष की आयु के तीन लोग शुक्रवार को 'रहस्यमय परिस्थितियों' में मृत पाए गए थे।

मरने वालों के परिजनों एवं राजनीतिक नेताओं ने लगाया आरोप

मरने वालों के परिजनों एवं राजनीतिक नेताओं ने आरोप लगाया कि गुरुवार को घात लगा कर हुए हमले के सिलसिले में जिन आठ लोगों को सेना ने पकड़ा था, वे तीनों उनमें शामिल थे। उनका यह भी आरोप है कि चार लोगों को प्रताड़ित किए जाने के बाद एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिकारियों ने कहा कि नागरिकों के शवों को शनिवार दोपहर बफ़लियाज़ के कब्रिस्तान में दफनाया गया था।

मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया गया

अधिकारियों ने कहा कि चूंकि तलाश अभियान जारी है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, इसलिए अधिकारियों ने अफवाह फैलाने वालों को रोकने तथा किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर पुंछ और पड़ोसी राजौरी जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है।

कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है

संघ शासित प्रदेश के जन संपर्क विभाग ने एक पोस्ट में ‘एक्स' पर कहा, "पुंछ जिले के बफलियाज में कल तीन लोगों के मारे जाने की खबर आई। चिकित्सीय कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी है, और इस मामले में उचित प्राधिकारी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।"

आतंकियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया

इसमें कहा गया है, "मरने वाले सभी लोगों के लिये सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। इसके साथ ही सरकार ने मरने वाले के निकटतम परिजन को नौकरी देने का भी ऐलान किया है।" गुरुवार को ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें पांच सैनिक शहीद हो गये जबकि दो अन्य घायल हो गए। यह हमला तब हुआ जब सुरक्षाकर्मी थानामंडी-सूरनकोट क्षेत्र में ढेरा की गली के सामान्य क्षेत्र में तलाश अभियान के लिए जा रहे थे।

आतंकियों का अब तक पता नहीं चल पाया है

अधिकारियों ने कहा कि हमले के तुरंत बाद, सुरक्षा बलों ने घने जंगली इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाश अभियान शुरू किया, जिसमें राजौरी का निकटवर्ती थानामंडी भी शामिल है। हालांकि, फरार आतंकवादियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। शनिवार दोपहर ढेरा की गली इलाके में एक जंगल के अंदर गोलीबारी की आवाज सुनी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों ने एक प्राकृतिक गुफा की जांच के दौरान यह गोली चलाई थी।

सूत्रों ने बताया कि मरने वाले तीन लोगों के शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की सुबह उनके परिजनों को सौंप दिये गये। इनमें सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शैकत (27) और शबीर अहमद (32) शामिल हैं। मरने वालों में से एक के रिश्तेदार मोहम्मद सादिक ने मीडिया से कहा, ‘‘तीनों निर्दोष थे और सेना की हिरासत में यातना के कारण उनकी मौत हुई है।"

दोनों अधिकारी पूरे दिन गांव में मौजूद रहे

उन्होंने कहा कि उन्होंने पुंछ के उपायुक्त चौधरी मोहम्मद यासीन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनय कुमार के आश्वासन पर मृतक का अंतिम संस्कार किया है। दोनों अधिकारी पूरे दिन गांव में मौजूद रहे। उन्होंने कहा, "अधिकारियों ने हमें कार्रवाई का आश्वासन दिया है... हम मृतक के लिए न्याय चाहते हैं। हम सेना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना और निकटतम रिश्तेदार को सरकारी नौकरी के साथ पर्याप्त मुआवजा चाहते हैं।"

पेशे से पंच सादिक ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को त्वरित गिरफ्तारी और यातना के बारे में सूचित किया था। लेकिन इस पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, "पांच और लोग कथित तौर पर घायल हुए हैं और अब भी सेना की हिरासत में हैं।"

"स्थिति पर नजर रख रहे हैं"

हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चार लोगों- मोहम्मद जुल्फकार, उसका भाई मोहम्मद बेताब, फजल हुसैन और मोहम्मद फारूक को कथित यातना में जख्मी होने के कारण राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और पुलिस महानिरीक्षक आनंद जैन भी पुंछ में मौजूद हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

इलाकों में अतिरिक्त पुलिस और अर्द्धसैनिक बल तैनात

शांति बनाए रखने के लिए जिलों के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस और अर्द्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। इस बीच, वरिष्ठ माकपा नेता एम वाई तारिगामी ने भी तीन लोगों की मौत पर दुख जताया और उनकी मौत की वजह की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले में सैनिकों की मौत 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' है। लेकिन आम नागरिकों की मौत होना भी उतना ही कष्टकारक है।

उन्होंने कहा, "ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं नहीं होनी चाहिए. दोषियों के खिलाफ कानून के तहत मामला दर्ज करने तथा जिम्मेदारी तय करने के लिए निष्पक्ष जांच की जरूरत है।" बीजेपी के एक नेता ने कहा कि मृत नागरिकों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी प्रदान करने में जम्मू-कश्मीर प्रशासन की त्वरित कार्रवाई प्रभावित परिवारों की चिंताओं को दूर करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि तलाश अभियान और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति बहाल करने के लिए अधिकारियों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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